:गौ तस्करी का भंडाफोड़:चकरघट्टा पुलिस ने 23 गौवंशों के साथ दो तस्करों को किया गिरफ्तार
सुनील कुमार
चंदौली
Chandauli News:चंदौली जिले की चकरघट्टा थाना पुलिस को गौ तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस अधीक्षक चंदौली के निर्देशानुसार चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत, 28 मई 2025 को चकरघट्टा पुलिस ने जमसोत जंगल के रास्ते बिहार ले जा रहे 23 गोवंशों के साथ दो गौ तस्करों को धर दबोचा। इस कार्रवाई से इलाके में गोवंश की तस्करी पर लगाम लगने की उम्मीद है।
मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई
थानाध्यक्ष चकरघट्टा भूपेंद्र कुमार निषाद ने अपनी टीम के साथ मुखबिर से मिली सटीक सूचना के आधार पर जमसोत के जंगल में घेराबंदी की। इस दौरान, जंगल के रास्ते पशुओं को हांकते हुए जा रहे दो व्यक्तियों को रोका गया। पूछताछ में उनकी पहचान जंगली यादव (22 वर्ष), निवासी करकटगढ़, बिहार और लाल साहब यादव (28 वर्ष), निवासी चकरघट्टा, चंदौली के रूप में हुई।
बिहार के रास्ते बंगाल तक तस्करी का नेटवर्क
पूछताछ में गिरफ्तार तस्करों ने बताया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों से सस्ते दामों पर गोवंश खरीदते थे और उन्हें जंगल के रास्ते गहिला, शाहपुर, जमसोत होते हुए बिहार के झरिया और फिर पश्चिम बंगाल ले जाकर ऊंचे दामों पर बेचते थे। इस खुलासे से गौ तस्करों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश होने की संभावना है।
बरामदगी और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने तस्करों के कब्जे से 23 गोवंशों को बरामद किया, जिनमें 4 सांड, 7 गाय, 6 बैल और 6 बछिया शामिल हैं। बरामदगी और गिरफ्तारी के आधार पर चकरघट्टा थाने में गोवध निवारण अधिनियम और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्तों को न्यायिक मजिस्ट्रेट चकिया के समक्ष पेश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
सफलतापूर्वक गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम
इस सराहनीय कार्रवाई में थानाध्यक्ष भूपेंद्र कुमार निषाद के साथ हेड कांस्टेबल अजीत कुमार यादव, रमेश कुमार, और कांस्टेबल बसंत कुमार व शैलेंद्र यादव शामिल थे।
चंदौली में तेंदू पत्ता मजदूरों का संकट गहराया, वन निगम और ठेकेदारों की मिलीभगत से भुगतान अटका
सुनील कुमार
चंदौली
Chandauli News:चंदौली जिले में वन निगम और ठेकेदारों की कथित मिलीभगत के चलते तेंदू पत्ता तोड़ने वाले मजदूरों का संकट गहराता जा रहा है। ताजा जानकारी के अनुसार, मजदूरों को अभी तक पहले पांच दिनों का मेहनताना नहीं मिला है, जिसके कारण कई बाहरी मजदूर काम छोड़कर वापस अपने घरों को लौट गए हैं। बचे हुए स्थानीय मजदूर भी केवल पैसे की उम्मीद में पत्ता तोड़ने का कार्य कर रहे हैं।
बिना भुगतान किए तेंदू पत्तों का परिवहन, पानी भी नसीब नहीं
आरोप है कि ठेकेदार मजदूरों को भुगतान किए बिना ही तेंदू पत्तों का परिवहन कर रहे हैं। इसके अलावा, वन निगम द्वारा मजदूरों को पीने के पानी के लिए दी गई बोतलें भी उन तक नहीं पहुंची हैं, जिससे उन्हें भीषण गर्मी में बिना पानी के काम करना पड़ रहा है।
‘परिदान’ में देरी से पत्ती का काम बंद, भुगतान पर लटकी तलवार
पत्ती तोड़ने का काम फिलहाल बंद हो गया है, क्योंकि ठेकेदार मुंशियों द्वारा तोड़ी गई पत्ती का ‘परिदान'(हैंडओवर) नहीं कर रहे हैं। नियमानुसार, जब तक पत्ती का परिदान नहीं होगा, तब तक उसका भुगतान नहीं किया जाएगा। इससे न केवल मजदूरों का बल्कि मुंशियों का भी भुगतान अटक गया है।
ठेकेदार की मनमानी से फडमुंशी परेशान, वन निगम के बिल भी रुके
ठेकेदार द्वारा समय पर परिदान न किए जाने के कारण वन निगम भी आगे की बिलिंग और वाउचर प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहा है। परिदान का अर्थ है कि ठेकेदार द्वारा शाम को खरीदी गई पत्ती को अगली सुबह प्राप्त कर लेना। लेकिन, ठेकेदार द्वारा यह प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं की गई है। जब कि पत्ती तुड़ाई का कार्य भी बंद हो गया है।मुंशियों का कहना है कि अगर ठेकेदार जानबूझकर परिदान में देरी करते हैं, तो पत्ती के भीगने का खतरा है, जिसके बाद वे इसे लेने से इनकार कर सकते हैं, जिससे सभी का भुगतान रुक जाएगा।
वन निगम अधिकारी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
इस संबंध में जब लाइव यूपी वेब के पत्रकार ने सेक्शन ऑफिसर अतुल कुमार सिंह से बात की, तो उन्होंने बताया कि निगम द्वारा ठेकेदारों को सख्त पत्र लिखकर कल तक मजदूरों के कम से कम पांच दिन के भुगतान का निर्देश दिया जाएगा। साथ ही, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अन्य शेष बकाया भुगतान भी एक सप्ताह के अंदर मजदूरों को मिल जाएगा और इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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