December 4, 2025 3:42 pm

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यूपी की इकोनॉमी को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने दिया सवा लाख करोड़ का बूस्टअप डोज

यूपी की इकोनॉमी को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने दिया सवा लाख करोड़ का बूस्टअप डोज

पीएम मोदी के विजन और सीएम योगी के मिशन से काशी ने बनाया कीर्तिमान

25 करोड़ 28 लाख लोगों ने नवीनीकृत कॉरिडोर के लोकार्पण से 30 सितंबर तक किए काशी विश्वनाथ के दर्शन

दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकार्पण के बाद से नित नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा कॉरिडोर

सुरक्षा का माहौल, बेहतर सुविधाएं और शानदार रोड कनेक्टिविटी ने देश विदेश के पर्यटकों को आकर्षित किया

‘मोदी-योगी मॉडल’ से दौड़ रहा पूर्वांचल के विकास का चक्का,  मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में बुलंदियों पर उत्तर प्रदेश का धार्मिक पर्यटन

देशी विदेशी पर्यटकों के उत्साह से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर लोगों को मिल रहा रोजगार

प्रति व्यक्ति औसतन 04 से 05 हजार रुपए तक खर्च के हिसाब से साढ़े तीन साल में प्रदेश को सवा लाख करोड़ की सौगात

मुख्यमंत्री योगी के मिशन से काशी और आसपास के लाखों लोगों के लिए रोजगार की पैदा हुईं अपार संभावनाएं

 

लखनऊ, 08 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन से श्री काशी विश्वनाथ धाम ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री मोदी के काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद से अब तक लगभग 25 करोड़ 28 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर चुके हैं। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को अनुमानित सवा लाख करोड़ रुपये का बूस्टअप डोज मिला है।

व्यापारियों, दुकानदारों, नाविकों, पुजारियों और होटल कारोबारियों को बड़े पैमाने पर रोजगार
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि कॉरिडोर के निर्माण ने न केवल काशी की छवि को बदला है, बल्कि पूरे प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों में भी अप्रत्याशित वृद्धि की है। देश के विभिन्न प्रांतों से लेकर दुनिया के तमाम देशों के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लगातार बढ़ते आगमन से स्थानीय व्यापारियों, दुकानदारों, नाविकों, पुजारियों, ठेले वालों और होटल कारोबारियों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।

धार्मिक पर्यटन के मॉडल ने यूपी की छवि को दी अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहचान
योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में सुरक्षा का माहौल बेहतर हुआ है। सड़कों का चौड़ीकरण, घाटों का सौंदर्यीकरण और एयरपोर्ट से लेकर गंगा घाट तक शानदार रोड कनेक्टिविटी ने देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया है। धार्मिक पर्यटन के इस मॉडल ने यूपी की छवि को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी है।

सिर्फ काशी नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल के विकास की गति हो रही तेज
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के अर्थशास्त्री प्रोफेसर राजनाथ के अनुसार, काशी विश्वनाथ धाम में आने वाला पर्यटक औसतन 05 हजार रुपये से अधिक ही खर्च करता है। फिर भी न्यूनतम अनुमानित जीडीपी ग्रोथ के लिए यदि 04 हजार से 05 हजार रुपए प्रति व्यक्ति के आंकड़े से जोड़ें तो इन साढ़े तीन वर्षों में करीब सवा लाख करोड़ रुपये का आर्थिक प्रवाह प्रदेश की अर्थव्यवस्था में हुआ है। यह राशि न केवल काशी बल्कि पूरे पूर्वांचल के विकास की गति को तेज कर रही है।

यूपी में रिपलिंग इफेक्ट से पूरे प्रदेश की जीडीपी में वृद्धि
काशी विश्वनाथ महादेव के धाम पधारने वाले 70 प्रतिशत श्रद्धालु दक्षिण भारत से तथा लगभग 15 प्रतिशत श्रद्धालु अन्य राज्यों एवं जनपदों से होते हैं। यह श्रद्धालु काशी दर्शन के पश्चात् प्रायः विंध्यवासिनी धाम, तीर्थराज प्रयाग, अयोध्या, मथुरा, चित्रकूट, नैमिष इत्यादि तीर्थों पर भी जाते हैं। इस प्रकार अर्थव्यवस्था में रिपलिंग इफेक्ट भी उत्पन्न होता है और पूरे प्रदेश की जीडीपी में वृद्धि होती है।

पूरे देश के लिए विकास का मॉडल बन गई है अपनी काशी
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन से काशी और आसपास के क्षेत्रों में लाखों लोगों के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं पैदा हुई हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह से धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी ने विकास की नई मिसाल पेश की है, वह पूरे देश के लिए एक मॉडल बन चुकी है।

काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर अयोध्या, मथुरा, चित्रकूट, नैमिषारण्य और विंध्याचल का डेवलपमेंट तेज
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार धार्मिक पर्यटन को राज्य के विकास का सशक्त साधन बना रही है। अयोध्या, मथुरा, चित्रकूट, नैमिषारण्य और विंध्याचल जैसे स्थलों का विकास भी तेज गति से किया जा रहा है। काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर अब पूरे प्रदेश में धार्मिक नगरों का विकास किया जा रहा है।
[4:04 pm, 8/10/2025] Cm Sir Media: आजम खान की शर्त थी कि अखिलेश उनकी देहरी पर जाकर नाक रगड़ें और अखिलेश जी रामपुर पहुंच गएः ओपी राजभर

योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव और आजम खान की मुलाकात को लेकर बोला तीखा हमला

राजभर ने कहा- आजम और शिवपाल मिलकर कहीं कोई खेल न कर दें इसी डर से रामपुर पहुंचे अखिलेश यादव

आजम ने दिखा दिया कि सपा में अब भी उनकी हनक बरकरार है, रामपुर जाकर अखिलेश ने दिखाई अपनी मजबूरीः राजभर

बोले- 23 महीने जेल में आजम से एक बार भी मिलने नहीं गए अखिलेश, जेल से छूटते ही उन्हें साधने पहुंच गए

 

लखनऊ, 8 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की आजम खान से मुलाकात राजनीतिक मजबूरी का नतीजा है। राजभर ने कहा कि आजम खान 23 महीने जेल में रहे, लेकिन अखिलेश यादव एक बार भी मिलने नहीं गए। अब जेल से छूटने के बाद उन्हें आजम खान की याद आ गई। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि अखिलेश को डर सता रहा है कि कहीं आजम खान और शिवपाल सिंह यादव मिलकर कोई खेल न कर दें। समाजवादी पार्टी में इन दोनों नेताओं की गहरी पकड़ है, और अखिलेश को इसी टूट का भय है।

आजम की शर्त पर रामपुर नाक रगड़ने पहुंचे अखिलेश
ओमप्रकाश राजभर ने आगे कहा कि आजम खान की सपा में अब भी वही हनक बरकरार है। अखिलेश यादव का रामपुर जाकर उनके दरवाजे पर नाक रगड़ना इसी बात का सबूत है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आजम खान की शर्त थी कि अखिलेश उनकी देहरी पर जाकर नाक रगड़ें और अखिलेश जी रामपुर पहुंच गए। यह दिखाता है कि सपा में अब भी आजम की स्थिति मजबूत है। राजभर ने यह भी कहा कि आजम खान की नाराजगी का असर सपा पर पहले ही दिख चुका है। आजम की गिरफ्तारी के बाद रामपुर की सीट सपा से छिन गई थी। अखिलेश जी ने तब चुप्पी साध ली थी, लेकिन अब वोट बैंक बचाने के लिए मुलाकात कर रहे हैं।

आजम खान पूछ रहे हैं कि ‘..तेरा क्या होगा अखिलेश’
मंत्री राजभर ने कहा कि आजम खान ने अभी तक बसपा या कांग्रेस में जाने की अफवाहों को खारिज नहीं किया है। उनका यह कहना कि अखिलेश जी मेरे घर आ रहे हैं, तो मैं अकेले मिलूंगा, मेरी पत्नी और बेटा नहीं मिलेंगे, यह बताता है कि परिवार और राजनीति दोनों में अब स्वतंत्रता की लकीर खिंच चुकी है। उन्होंने कहा कि रामपुर में जाकर अखिलेश ने यह संकेत दिया है कि अब वे कमजोर स्थिति में हैं और आजम खान जैसे वरिष्ठ नेता की जरूरत महसूस कर रहे हैं। यह वही स्थिति है, जैसे फिल्म शोले में गब्बर सिंह ने कहा था—‘तेरा क्या होगा कालिया’, अब शायद आजम खान भी यही कह रहे हों—‘तेरा क्या होगा अखिलेश।’
[4:04 pm, 8/10/2025] Cm Sir Media: मिशन शक्ति 5.0

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Author: Liveupweb

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