सरदार पटेल जयंती, इंदिरा गांधी पुण्यतिथि और आचार्य नरेंद्र देव जयंती पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने दी श्रद्धांजलि —
कहा, “सरदार पटेल ने राष्ट्रहित में आरएसएस पर लगाया प्रतिबंध, इंदिरा गांधी ने भारत को बनाया विश्वशक्ति, और आचार्य नरेंद्र देव ने विचार और शिक्षा से दी देश को दिशा
विषय:- वाराणसी, भारतीय इतिहास के तीन महान व्यक्तित्वों — भारत के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल, भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और महान शिक्षाविद, समाजवादी चिंतक एवं बीएचयू के पूर्व कुलपति आचार्य नरेंद्र देव — की जयंती एवं पुण्यतिथि पर आज वाराणसी के लहुराबीर स्थित विनीता अनाथ आश्रम में कांग्रेसजनों द्वारा जिला एवं महानगर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
…. कार्यक्रम का आरंभ महान विभूतियों के चित्रों पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। तत्पश्चात बच्चों में मिठाई, कॉपी, पेन और शैक्षणिक सामग्री वितरित कर बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना किया गया ।
मुख्य उपस्थिति उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय राय की रही
कार्यक्रम का अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल व कार्यक्रम का सयोजन व संचालन महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने किया
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा की आज का दिन तीन महान विभूतियों के विचारों और बलिदान उनके योगदान को स्मरण करने का दिन है। आज का दिन कई मायनों में विशेष है ।विश्व-पटल पर भारत को एक सशक्त देश के रूप में प्रतिष्ठित करने वाली, साहसिक फ़ैसले लेने के लिए प्रसिद्ध, नापाक पड़ोसी के दो टुकड़े करने वाली, भारत माता के आँचल में सिक्किम का सितारा टाँकने वाली लौह-महिला, पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी की पुण्यतिथि है।व आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने वाले, रियासतों में बंटे भारत को एक सूत्र में पिरोने वाले प्रथम गृहमंत्री, लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती भी है और साथ ही महान शिक्षाविद ,स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आचार्य नरेन्द्र देव जी की जयंती भी है।सरदार पटेल राष्ट्रवादी नेता थे उन्होंने गांधीजी के सिद्धांतों को जीवनभर आत्मसात किया। वे गांधीजी के सिपाही थे । जब महात्मा गांधी की हत्या के बाद राष्ट्र की एकता खतरे में थी, तब सरदार पटेल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाकर यह सिद्ध किया कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है, कोई सांप्रदायिक संगठन देश से बड़ा नहीं हो सकता।सरदार पटेल ने रियासतों में बँटे भारत को एक सूत्र में पिरोकर अखंड भारत का निर्माण किया। गांधीजी की तरह वे भी हिंदू-मुस्लिम सर्वधर्म एकता के समर्थक थे और उन्होंने हमेशा धर्मनिरपेक्ष भारत के निर्माण का सपना देखा।यह उनके दूरदर्शी विचारों और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण का परिचायक है।और इंदिरा गांधी केवल भारत की प्रधानमंत्री नहीं थीं, वे भारत की शक्ति, दृढ़ता और आत्मविश्वास की प्रतीक थीं। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी साहसिक निर्णय लिए — पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और सिक्किम को भारत का हिस्सा बनाकर देश की सीमाओं को सशक्त किया। उन्होंने दिखाया कि भारत किसी भी महाशक्ति से कम नहीं।इंदिरा गांधी ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में नया युग आरंभ किया। वे गरीबों, किसानों और मज़दूरों की आवाज़ थीं। उनका नारा ‘गरीबी हटाओ’ केवल एक नारा नहीं था, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की प्रतिबद्धता का प्रतीक था।वहीं आचार्य नरेंद्र देव ने शिक्षा, समाजवाद और नैतिक राजनीति के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी। वे स्वतंत्रा सेनानी,भारत के प्रमुख शिक्षाविद, साहित्यकारों में से थे और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रहे। उन्होंने शिक्षा को राष्ट्रनिर्माण का माध्यम माना और कहा कि “युवा ही भारत की वास्तविक शक्ति हैं।” उनका जीवन सत्य, समानता और विचार की स्वतंत्रता के प्रति समर्पण का प्रतीक था।सरदार पटेल , इंदिरा गांधी और आचार्य नरेंद्र देव तीनों महान विभूति यह मानते थे कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं, इसलिए आज उनकी जयंती और पुण्यतिथि बच्चों के बीच मनाना सच्ची श्रद्धांजलि है।अपने ज्ञान, साधना व कर्मयोग से देश और दुनिया में प्रसिद्ध इन तीनो विभूतियों को कृतज्ञतापूर्वक सादर नमन करते है।

……कार्यक्रम में कांग्रेसजनों ने तीनो महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने और देश की एकता, अखंडता तथा धर्मनिरपेक्षता ,संविधान ,लोकतंत्र की रक्षा करने का संकल्प लिया।
उक्त कार्यक्रम में : – प्रदेश अध्यक्ष अजय राय , ज़िलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल , महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे,दुर्गा प्रसाद गुप्ता,मनीष मोरोलिया,डॉ राजेश गुप्ता,सतनाम सिंह,अरुण सोनी,राजीव राम,ओम प्रकाश ओझा,अब्दुल हमीद डोडे,राजेश त्रिपाठी,प्रमोद वर्मा,संतोष चौरसिया,चंचल शर्मा,राम सृंगार पटेल,मनोज वर्मा मनु,नरसिंह दास वर्मा,आशिष केशरी,अरविन्द कुमार,रोहित दुबे,आकाश त्रिपाठी,पवन चौबे,विपिन पाल,विनीत चौबे, आदर्श, चक्रवर्ती पटेल,बृजेश जैसल,आशुतोष पाण्डेय,विकास,रामजी गुप्ता, पुलक त्रिपाठी,राजेश सोनकर, कैलाश पटेल,दीपक यादव,बदरे आलम,किशन यादव समेत दर्जनों लोग उपस्थित रहे।








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