अब महिला चालकों संग सुरक्षित और स्मार्ट टूरिज्म, उप्र0 पर्यटन विभाग ने बढ़ाया कदम
पर्यटन विभाग की ओर से 310 टैक्सी चालकों को दिया गया प्रशिक्षण, 19 महिला ड्राइवर भी शामिल
स्टोरीटेलिंग, महिला सशक्तिकरण, कैशलेस ट्रांजेक्शन और सड़क सुरक्षा पर जोर
महिला टैक्सी चालकों के हाथ होगी सुरक्षित पर्यटन की कमान
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की अनूठी पहल, अब टैक्सी चालक सुनाएंगे आपके शहर की कहानियां- जयवीर सिंह

वाराणसी/लखनऊ, 10 सितंबर 2025
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करने की श्रृंखला जारी है। इसी क्रम में वाराणसी में चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ऑटो, टैक्सी और बस चालकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया। यह प्रशिक्षण मान्यवर कांशीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट (एमकेआईटीएम) के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा संचालित किया गया। कार्यक्रम में लगभग 310 चालकों ने हिस्सा लिया, जिनमें 19 महिला ड्राइवर भी शामिल रहीं। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से पर्यटन सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाया जा सकेगा।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि ‘ऑटो, टैक्सी और बस चालक पर्यटकों के लिए सारथी की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि यह प्रयास ऐतिहासिक नगरी वाराणसी और उसके आसपास पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक सुनियोजित पहल है। इस योजना का उद्देश्य शहर को स्वच्छ, सुंदर और बेहतर पर्यटक अनुभव प्रदान करना है। पर्यटन विभाग द्वारा जुलाई माह में संत रविदास मंदिर, राजघाट में नाविकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया था।’
स्टोरीटेलिंग देगा विशेष अनुभव
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, ‘प्रशिक्षण कार्यक्रम में चालकों को पर्यटकों के प्रति व्यवहार, स्वच्छता, सुरक्षा और शहर की सांस्कृतिक व धार्मिक धरोहर से संबंधित जानकारी दी गई। यह पहल वाराणसी आने वाले पर्यटकों को सकारात्मक अनुभव दिलाने में मददगार सिद्ध होगी। ऑटो, टैक्सी और बस चालकों को स्टोरीटेलिंग (कहानी कहने की कला) के बारे में बताया गया। यात्रा के दौरान चालक कहानियों के माध्यम से पर्यटकों के अनुभव को अविस्मरणीय बनाने में मदद करेंगे। चालकों को वाराणसी से जुड़ी कहानियों को रोचक ढंग से प्रस्तुत करने का प्रशिक्षण दिया गया।’
सड़क सुरक्षा और कैशलेस ट्रांजेक्शन की जानकारी
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान चालकों को पर्यटकों के प्रति संवेदनशील व्यवहार के लिए प्रेरित किया गया। उन्हें आपात स्थित से निपटने जैसे- प्राथमिक उपचार और सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) की व्यावहारिक जानकारी दी गई, जिससे किसी की जान बचाई जा सके। इसी प्रकार, पर्यटकों से व्यवहार के समय अपनाई जाने वाली सावधानियों और सुरक्षित ड्राइविंग के उपाय बताए गए। चालकों को यातायात नियम एवं सड़क सुरक्षा संबंधी नसीहत भी दी गई। चालकों को डिजिटल लेन-देन और धोखाधड़ी से बचाव के बारे में भी जानकारी दी गई। कैशलेस ट्रांजेक्शन के दौर में यूपीआई एवं ऑनलाइन भुगतान सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रशिक्षण के दौरान वाराणसी के प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी, सामान्य पर्यटन संवेदनशीलता और व्यक्तित्व विकास संबंधी जानकारी भी दी गई।
‘पर्यटकों को मिले अविस्मरणीय अनुभव’
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि ‘पर्यटन विभाग की यह पहल समुदाय की भागीदारी को प्रदेश की पर्यटन विकास यात्रा से जोड़ने वाला परिवर्तनकारी कदम है। उन्होंने कहा कि जब चालक और नाविक कहानीकार, सुरक्षा दूत और आतिथ्य के संरक्षक बनते हैं, तो उत्तर प्रदेश आने वाले हर पर्यटक का अनुभव अविस्मरणीय हो जाएगा।’
‘पर्यटक यादगार अनुभव लेकर जाए’
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि ‘वाराणसी और उसके आसपास के जिलों में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। घरेलू श्रद्धालुओं से लेकर अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों तक, सभी की अपेक्षाएं बढ़ी हैं। विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पर्यटकों की यात्राएं सुरक्षित और यादगार हो। पर्यटक अपने साथ विशेष अनुभव लेकर जाए।’
विभिन्न सत्रों का संचालन
पर्यटन संवेदनशीलता को बढ़ावा देने हेतु आयोजित प्रशिक्षण सत्रों का संचालन विभिन्न विशेषज्ञों ने किया। टैक्सी एसोसिएशन वाराणसी के अध्यक्ष शैलेन्द्र त्रिपाठी ने धरोहर कथन और स्टोरीटेलिंग पर व्याख्यान दिया। वहीं, एसोसिएशन के सचिव अमन आनंद चतुर्वेदी ने पर्यटन संवेदनशीलता और चालक आचरण पर मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम में यातायात निरीक्षक, वाराणसी ने सड़क सुरक्षा, यातायात नियम और अतिथि प्रबंधन पर जानकारी दी। इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के सहायक निदेशक पावस प्रसून शर्मा ने राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्थानीय प्रथाओं को जोड़ने पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया।
महिला सशक्तिकरण में सहायक
एमकेआईटीएम द्वारा कुल 310 चालकों को प्रशिक्षित किया गया, जिनमें 19 महिला चालक भी शामिल थीं। महिला सहभागिता ने इस प्रशिक्षण को विशेष महत्व दिया। प्रतिभागी रश्मि सिंह ने बताया कि ‘मैंने न केवल प्राथमिक उपचार और डिजिटल भुगतान के बारे में सीखा, बल्कि यह भी जाना कि पर्यटकों को सुरक्षित और स्वागतयोग्य कैसे महसूस कराया जाए। मुझ जैसी सामान्य महिला के लिए यह प्रशिक्षण विशेष रहा। यह काशी के पर्यटन विकास में मदद करेगा।’








Users Today : 17
Users Yesterday : 28