भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न
11 जनपदों से आए प्रतिभागी प्रगतिशील किसानों को ग्राफ्टिंग में उद्यमिता विकास पर दिया गया प्रशिक्षण

राजातालाब।आराजी लाइन विकास खंड क्षेत्र के शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में ग्राफ्टिंग तकनीक से सब्जियों में उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार), लखनऊ के वित्तीय सहयोग से उद्यमिता विकास पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का गुरुवार को कुशलता पूर्वक संपन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम समापन सत्र में संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान प्रगतिशील किसानों को ग्राफ्टिंग के विभिन्न आयामों जैसे-मीडिया बनाना, टमाटर एवं बैंगन की ग्राफ्टिंग तथा नवोन्मेषी उन्नत तकनीक जैसे-पोमैटो, ब्रिमैटो तथा नियन्त्रित वातावरण में खेती इत्यादि पर विधिवत जानकारी दी गयी।प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश के 11 जनपदों से कुल 21 किसान प्रशिक्षण प्राप्त किया एवं वे ग्राफ्टिंग तकनीक से अपना व्यवसाय शुरू करेंगें। उन्होंने ग्राफ्टिंग तकनीक की महत्ता को बताते हुए इस तकनीक को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुँचाने पर जोर दिया व बताया की प्रतिकूल परिस्थितियों में अधिकतम सब्जी उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। ग्राफ्टिंग तकनीक में पौध एवं सब्जी उत्पादन कर किसान भाई अधिक आय एवं रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। प्रशिक्षण के मुख्य अन्वेषक डॉ. अनन्त बहादुर ने ग्राफ्टिंग तकनीक के महत्व एवं उसके विभिन्न पहलुओं पर किसानों को विस्तृत जानकारी दी। डॉ. आत्मानंद त्रिपाठी ने सब्जियों में बीमारियों के नियंत्रण एवं डॉ. सुदर्शन मौर्या ने मशरूम की खेती के विषय में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षक समन्यवक डॉ. गोविन्द पाल ने कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन दिया। शोध अध्येता अनीष कुमार ने ग्राफ्टिंग पर व्यवहारिक ज्ञान तथा मीडिया बनाने के बारे में प्रशिक्षण दिया।








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