December 5, 2025 3:10 am

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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आयुर्वेदिक कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आयुर्वेदिक कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन 
346 व्यक्तियों की हुई स्क्रीनिंग, 23 मानसिक रोगियों को मिला उपचार 
मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी – सीएमओ 
वाराणसी, 10 अक्टूबर 2025
राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चौकाघाट में शुक्रवार को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर वृहद मानसिक स्वास्थ्य शिविर लगाया गया । शिविर का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने किया ।
सीएमओ ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं सभी उम्र के लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करती हुई देखी जा रही हैं। पुरुष हो या महिला, सभी इसका शिकार हो रहे हैं। दुनियाभर में मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के बारे में लोगों को शिक्षित करने, जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थय में सुधार के प्रयासों को गति प्रदान करने के उद्देश्य से हर वर्ष 10 अक्तूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। वर्तमान परिवेश को देखते हुये मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज में जागरूकता बेहद ही जरूरी है । ऐसे रोगियों के साथ हमेशा ही अच्छा व्यवहार करना चाहिए । इनका नियमित ख्याल रखना चाहिए | लिहाजा मानसिक रोगियों के प्रति जागरूक रहते हुए उनका समय से उपचार करना चाहिए । उन्हें  दवा की जरूरत होती है साथ ही ऐसे रोगियों के प्रति सहानुभूति भी रखनी चाहिए । उन्होंने कहा कि मानसिक रोग के प्रति जागरुकता के साथ ही उचित परामर्श व बेहतर उपचार के लिए यह शिविर आयोजित है। हम सभी को ध्यान रखना चाहिए कि मानसिक रोग से पीड़ित किसी भी व्यक्ति के साथ भूल से भी बुरा व्यवहार न करें । रोग से परेशान होकर वह कोई घातक कदम भी उठा सकता है । हम संवेदनशील होकर मानसिक रोगी का सही समय से उपचार करायें तो उसका रोग पूरी तरह ठीक हो सकता है।
स्वास्थ्य शिविर में चिकित्सकों की टीम ने कैंप में शामिल 346 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की । इसमें 53 लोगों को मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित परामर्श भी दिया  गया । 23 मानसिक रोगियों को देखा गया तथा उन्हें आवश्यक उपचार दिया गया । इसके अलावा तंबाकू नियंत्रण, क्षय रोग, मधुमेह, रक्तचाप, वृद्धजनों की जांच व उपचार, आयुष्मान भारत योजना सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की गईं।
प्राचार्य डॉ नीलम गुप्ता ने कहा कि किशोरावस्था के प्रारंभिक वर्ष जीवन का एक ऐसा समय आता है जब कई परिवर्तन होते हैं और कुछ मामलों में यह भावनाएं मानसिक बीमारी का कारण बन सकती है । यह 14 साल की उम्र से शुरू होता है  लेकिन ज्यादातर मामलों का पता नहीं चल पाता और इलाज नहीं होता है | किशोरों व नौजवानों में मानसिक बीमारी का एक प्रमुख कारण अवसाद (डिप्रेशन) है। इसके साथ ही उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण, बचाव, नियंत्रण, रोकथाम आदि को लेकर जानकारी दी। सीएमओ के साथ स्वस्थ शिविर में दी जा रही चिकित्सीय परामर्श सेवाओं का अवलोकन भी किया।
     शिविर में मनोचिकित्सक डॉ रविंद्र यादव ने बताया कि मानसिक बीमारी के लक्षण एवं पहचान की जानकारी न होने के कारण एवं सामाजिक अंधविश्वास, झाड़-फूंक के चक्कर में मानसिक बीमारियां अपना प्रभाव डालती हैं जिसके कारण व्यक्ति समाज एवं परिवार से बहिष्कृत होने से उसका इलाज नहीं हो पाता है | नियमित दवा का सेवन और डॉक्टर की निगरानी में मरीज पूरी तरह ठीक हो जाता है |
  इस मौके पर आयुर्वेदिक कॉलेज से डॉ संजय कुमार पांडे, डॉ अनुभा श्रीवास्तव, डॉ धनंजय कुमार सिंह, डिप्टी सीएमओ डॉ वाई डी पाठक  डॉ सीबी आर्या, डॉ कनक वर्मा , डॉ कमल द्विवेदी डॉक्टर नेहा डॉ सिद्धांत मनोचिकित्सक डॉ रामाश्रय सहित अन्य अधिकारी, व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।
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Author: Liveupweb

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