नौगढ़ में ‘जुगाड़’ का जादू: सफाईकर्मी बने ड्राइवर, बाबू और VIP सेवक, गांवों में पसरी गंदगी की चादर!
सुनील कुमार
चंदौली
Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील में सफाई व्यवस्था का हाल बेहाल है। कारण? यहां सफाईकर्मियों की तैनाती तो कागजों में दिखती है, लेकिन हकीकत में वे झाड़ू छोड़कर साहबों की गाड़ियां चला रहे हैं, दफ्तरों में बाबुओं की कुर्सी गर्म कर रहे हैं, और कुछ तो वीवीआईपी लोगों की सेवा में हाजिर हैं। ऐसे में गांवों की गलियों में कूड़ा करकट का अंबार लगना लाजिमी है, और स्वच्छता अभियान की चमक फीकी पड़ना तय है।

आंकड़ों का मायाजाल: पद एक, काम अनेक!
नौगढ़ तहसील के अंतर्गत 43 ग्राम पंचायतों के 139 राजस्व गांवों में कुल 91 सफाईकर्मी तैनात हैं। इनमें से भी 19 गांव तो ऐसे हैं जिन्हें कागजों में ‘ना चिरागी’ घोषित कर दिया गया है, यानी वहां सफाईकर्मी की तैनाती ही नहीं है। अब जरा सोचिए, इतने बड़े इलाके की सफाई व्यवस्था महज 91 कर्मचारियों के भरोसे कैसे चलेगी? और जब इनमें से भी 23 ‘जुगाड़’ के तहत ब्लॉक, तहसील और जिला मुख्यालय पर ड्राइवर, बाबू और बावर्ची जैसे महत्वपूर्ण पदों पर विराजमान हों, तो गांवों का क्या होगा?
नेताजी के खास और VIP सेवक: सफाई गई तेल लेने!
सिर्फ बाबू और ड्राइवर ही नहीं, पांच नेताजी और आठ से दस सफाईकर्मी तो ऐसे हैं जो वीवीआईपी लोगों के साथ साए की तरह घूमते हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब इतने सारे सफाईकर्मी ‘खास’ लोगों की सेवा में समर्पित हैं, तो आम गांव वालों की कौन सुनेगा? उनके घरों के सामने जमा कूड़े को कौन हटाएगा? स्वच्छता अभियान का नारा तो खूब बुलंद किया जाता है, लेकिन नौगढ़ में तो यह नारा नेताओं और बाबुओं की ‘सेवा’ में तब्दील हो गया है।
कूड़े के ढेर पर स्वच्छता का सपना:
गांव-गांव में पसरी गंदगी इस बात का जीता जागता सबूत है कि नौगढ़ में स्वच्छता अभियान महज एक कागजी कवायद बनकर रह गया है। जब सफाईकर्मी अपने मूल काम को छोड़कर अन्य कामों में व्यस्त रहेंगे, तो गांवों की सफाई भगवान भरोसे ही चलेगी। ऐसे में सरकार के स्वच्छता अभियान को पलीता लगना तय है, और आम जनता गंदगी और बीमारियों से जूझने को मजबूर है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि ‘जुगाड़’ के इस मकड़जाल को कब तोड़ा जाएगा और कब नौगढ़ के गांवों को वाकई में सफाईकर्मियों की सेवा नसीब होगी।
9:55 PM








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