अजय त्रिपाठी की रिपोर्ट;- वाराणसी के यातायात पुलिस का दर्द
वाराणसी के यातायात पुलिस का दर्द
वाराणसी मे इन दिनों यातायात पुलिस का अभियान जोरो से चल रहा है तो वही दूसरी तरफ यातायात पुलिसकार्मिओ का दर्द भी बढ़ रहा है.
वाराणसी के यातायात विभाग का आदेश दो पाली मे ड्यूटी है सुबह 7 से 2 दोपहर तक और दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे तक।
अब आइये इनके दर्द पर।
यातायात विभाग मे इन दिनों महिला सिपाही भी है जो दूर से आ रही है से ड्यूटी करने आ रही है.ड्यूटी के बाद रात मे वापस जाने को साधन की दिक्क़त।
पुरुष जिनको रात जाने के बाद खाना बनाना है और दूसरे दिन फिर सुबह 7 बजे आना और चौराहे पर लगे कैमरे के सामने उपस्थिति दर्ज कराना है. लेट हो गए तो गैरहाजिर और अधिकारिओ के कार्यवाही अलग ऐसे मे मानसिक प्रताड़ना।
कुछ ऐसे भी पुलिसकर्मी है जिनके घर मे किसी का बीमार होना या और भी कई समस्या ।
विकास और चौड़ीकरण के नाम पर सड़को को खोद देना या नाली के सिल्ट निकाल कर सड़को पर रख देना।
सड़क के चौडीकरण पुलिस बूथ हटा देना ऐसे मे वो सड़को पर किसी दुकान की शरण मे मतलब की ना खड़े होने की जगह ना पिने का पानी और तो और अगर इनको बाथरूम भी जाना है तो कहा जाए।
इन मानसिक प्रताड़ना मे अगर की प्रकार की वाहन चेकिंग के दौरान किसी से कोई बात हो तो वर्दी उतरवाने की धमकी जिसमे ( फोन पर बात कराना आम बात है )
मुख्य और सबसे बड़ा कारण बन रहा है मानसिक प्रताड़ित होना ऐसे मे वाराणसी कमीशनरेट मे बैठे उच्चअधिकारी को थोड़ा ध्यान देने की आवश्यकता क्युकी ये भी मानव जीवन मे है।
