July 13, 2025 12:09 pm

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डिजिटल दशक: तकनीक-केंद्रित भविष्य की ओर भारत की यात्रा

डिजिटल दशक: तकनीक-केंद्रित भविष्य की ओर भारत की यात्रा

पिछले 11 वर्षों में भारत ने डिजिटल सशक्तिकरण और ज्ञान अर्थव्यवस्था की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंच से लेकर डिजिटल सेवा वितरण तक, देश ने शहरी-ग्रामीण विभाजन को पाटा है। डिजिटल अर्थव्यवस्था 2022-23 में राष्ट्रीय आय का 11.74% थी, जो 2024-25 में 13.42% तक बढ़ने का अनुमान है। यह प्रगति कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्लाउड कंप्यूटिंग और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर से प्रेरित है।

कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा
मजबूत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर आधुनिक अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। भारत ने ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्टिविटी का विस्तार किया है।

दूरसंचार और इंटरनेट
टेलीफोन कनेक्शन मार्च 2014 के 93.3 करोड़ से अप्रैल 2025 में 120+ करोड़ हो गए। टेली-घनत्व 75.23% से बढ़कर अक्टूबर 2024 में 84.49% हुआ। शहरी कनेक्शन 555.23 मिलियन से 661.36 मिलियन और ग्रामीण कनेक्शन 377.78 मिलियन से 527.34 मिलियन हो गए।

इंटरनेट और ब्रॉडबैंड
इंटरनेट कनेक्शन मार्च 2014 के 25.15 करोड़ से जून 2024 में 96.96 करोड़ हो गए, जो 285.53% की वृद्धि है। ब्रॉडबैंड कनेक्शन 6.1 करोड़ से अगस्त 2024 में 94.92 करोड़ हो गए, जो 1452% की वृद्धि दर्शाता है। दिसंबर 2024 तक 6,15,836 गाँवों में 4जी कनेक्टिविटी है।

5जी और कनेक्टिविटी
2016 से 4जी और 2022 से 5जी के विस्तार ने हाई-स्पीड कनेक्टिविटी को बढ़ाया। 22 महीनों में 4.74 लाख 5जी बीटीएस स्थापित हुए, जो 99.6% जिलों को कवर करते हैं। वायरलेस डेटा लागत 2014 के 308 रु./जीबी से 2022 में 9.34 रु. हो गई, जिससे डिजिटल सेवाएँ किफायती बनीं।

भारतनेट
जनवरी 2025 तक भारतनेट ने 2.18 लाख ग्राम पंचायतों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ा, जिसमें 6.92 लाख किमी ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया।

डिजिटल वित्त और समावेशन

यूपीआई
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस ने डिजिटल लेन-देन को बदल दिया। अप्रैल 2025 में 1,867.7 करोड़ लेनदेन हुए, जिनका मूल्य 24.77 लाख करोड़ रु. था। 460 मिलियन व्यक्ति और 65 मिलियन व्यापारी यूपीआई का उपयोग करते हैं। 2023 में वैश्विक रीयल-टाइम लेनदेन में भारत की हिस्सेदारी 49% थी। यूपीआई सात देशों में उपलब्ध है।

आधार
141.88 करोड़ आधार आईडी ने ई-केवाईसी के माध्यम से बैंकिंग और सेवाओं को सरल बनाया, पारदर्शिता बढ़ाई।

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण डीबीटीी)
डीबीटी ने 2015 से मार्च 2023 तक 3.48 लाख करोड़ रु. की बचत की। मई 2025 तक 44 लाख करोड़ रु. अंतरित हुए। 5.87 करोड़ अयोग्य राशन कार्ड और 4.23 करोड़ नकली एलपीजी कनेक्शन हटाए गए।

डिजिटल कॉमर्स

ओएनडीसी
2022 में शुरू ओएनडीओएनडीसीिजिटल कॉमर्स को लोकतांत्रिक बनाया। जनवरी 2025 तक 7.64 लाख विक्रेता 616 शहरों में पंजीकृत हैं।

 

जीईएम
2016 में शुरू गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस ने 2024-25 में 4.09 लाख करोड़ रु. का एजीएमवी दर्ज किया, जो 50% की वृद्धि है। इसमें 1.6 लाख सरकारी खरीदार और 22.5 लाख विक्रेता हैं।

ई-गवर्नेंस

कर्मयोगी भारत
मिशन कर्मयोगी ने मई 2025 तक 1.07 करोड़ सिविल सेवकों को 2,588 पाठ्यक्रमों के साथ प्रशिक्षित किया, 3.24 करोड़ सर्टिफिकेट जारी किए।

डिजिलॉकर
2015 में शुरू डिजिलॉकर के अप्रैल 2025 तक 51.6 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। 2024 में 2031.99 लाख साइन-अप हुए।

उमंग
2017 में शुरू उमंग ने मई 2025 तक 8.21 करोड़ उपयोगकर्ताओं और 597 करोड़ लेनदेन दर्ज किए। 23 भाषाओं में 2,300 सेवाएँ उपलब्ध हैं।

डिजिटल क्षमता निर्माण

पीएमजीदिशा
2017 में शुरू पीएमजीदिशा ने 7.35 करोड़ लोगों को नामांकित किया, 6.39 करोड़ प्रशिक्षित और 4.77 करोड़ प्रमाणित हुए।

भाषिणी
भाषिणी 35+ भाषाओं में 1,600+ एआई मॉडल और 18 भाषा सेवाओं के साथ डिजिटल सामग्री को सुलभ बनाती है। 8.5 लाख ऐप डाउनलोड हुए।

रणनीतिक प्रौद्योगिकी

इंडिया एआई मिशन
7 मार्च 2024 को शुरू इंडिया एआई मिशन 10,371.92 करोड़ रु. के परिव्यय के साथ एआई नवाचार को बढ़ावा देती है। मई 2025 तक राष्ट्रीय कंप्यूट क्षमता 34,000 जीपीयू को पार कर गई।
इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन
76,000 करोड़ रु. के परिव्यय के साथ यह मिशन सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले निर्माण को बढ़ावा देता है। मई 2025 तक 6 परियोजनाएँ मंजूर हुईं, जिनमें 1.55 लाख करोड़ रु. का निवेश है।

निष्कर्ष
पिछले दशक में भारत की डिजिटल यात्रा ने शासन और सेवाओं को बदला। डिजिटल अर्थव्यवस्था 2030 तक कुल अर्थव्यवस्था का पाँचवाँ हिस्सा बनेगी। यह प्रगति भारत को वैश्विक डिजिटल अग्रणी बनाती है।

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Author: Liveupweb

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