पेनियरबाय के डिजिटल नारी पहल का लक्ष्य 1 लाख ग्रामीण महिलाओं को बनाना आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त
UPSRLM और ज़िला आयुक्त कार्यालय, वाराणसी के सहयोग से महिला उद्यमिता और वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए वाराणसी में कार्यक्रम का आयोजन

वाराणसी: भारत की अग्रणी ब्रांचलेस बैंकिंग और डिजिटल नेटवर्क कंपनी पेनियरबाय ने अपने प्रमुख अभियान ‘डिजिटल नारी’ के अंतर्गत वाराणसी में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। यह आयोजन उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) और ज़िला आयुक्त कार्यालय के सहयोग से हुआ। इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में महिलाओं की उद्यमिता और वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने वाला एक सशक्त नेटवर्क तैयार करना है।
‘डिजिटल नारी’ प्रोग्राम ग्रामीण स्तर पर महिलाओं के लिए स्थायी आय और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराता है। इसके अंतर्गत महिलाओं को डिजिटल टूल्स, वित्तीय सेवाओं और उद्यमिता प्रशिक्षण की सुविधा दी जाती है। इस पहल में विद्युत सखी और बीसी सखी को भी शामिल किया गया है, जिससे वे अतिरिक्त आय अर्जित करने के साथ-साथ अपने समुदाय को डिजिटल भुगतान, बैंकिंग सहायता और आवश्यक वित्तीय सेवाएँ भी प्रदान कर रही हैं।
उत्तर प्रदेश में अब तक 10,000 से अधिक महिलाएँ ‘डिजिटल नारी’ के रूप में जुड़ चुकी हैं। इनमें से कई महिलाएँ पहले विद्युत सखी और बीसी सखी थीं, जिन्हें अब नए कौशल सिखाकर उनकी आय के स्रोत बढ़ाए जा रहे हैं। ये महिलाएँ आज अपने गाँवों और कस्बों में डिजिटल पेमेंट, बैंकिंग, बीमा, स्वास्थ्य सेवाएँ, ई-कॉमर्स और अन्य ज़रूरी वित्तीय सेवाएँ सक्रिय रूप से उपलब्ध करा रही हैं। इस पहल से न केवल ग्रामीण परिवारों की वित्तीय ज़रूरतें पूरी हो रही हैं बल्कि महिलाओं को आत्मविश्वास और आर्थिक स्वतंत्रता भी मिल रही है।
आगे बढ़ते हुए, पेनियरबाय का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में 1 लाख ‘डिजिटल नारी’ तैयार करना है। यह मज़बूत नेटवर्क महिलाओं को अपने समुदाय में परिवर्तन की अगुवाई करने, परिवारों को आर्थिक रूप से मज़बूत बनाने, डिजिटल सेवाओं को व्यापक रूप से अपनाने और महिलाओं के नेतृत्व में सतत विकास के रास्ते तैयार करने में मदद करेगा।
वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों और हितधारकों की भागीदारी देखी गई। उपस्थित लोगों में श्री एस. राजालिंगम, (आईएएस), कमिश्नर, वाराणसी डिवीजन; श्री सत्येंद्र कुमार, (आईएएस), जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी; श्री हिमांशु नागपाल, (आईएएस), सीडीओ, वाराणसी; श्रीमती नूपुर चतुर्वेदी – सीईओ, भारत कनेक्ट; श्रीमती ऋचा बाजपयी, डीजीएम, नाबार्ड; श्री पवन कुमार सिंह, पीडीएस–डिप्टी कमिश्नर, UPSRLM; डॉ. सारिका श्रीवास्तव – डायरेक्टर, अशोका इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट; श्री आनंद कुमार बजाज – संस्थापक, एमडी एवं सीईओ, पेनियरबाय; और श्रीमती जयत्री दासगुप्ता – सीएमओ, पेनियरबाय एवं प्रोग्राम डायरेक्टर, डिजिटल नारी शामिल थे। इनकी उपस्थिति ने यह दर्शाया कि महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने और ग्रामीण स्तर पर वित्तीय समावेशन को मजबूत करने में सामूहिक सहयोग कितना अहम है।
इस अवसर पर श्री आनंद कुमार बजाज, संस्थापक, एमडी एवं सीईओ, पेनियरबाय ने कहा, “डिजिटल नारी ग्रामीण महिलाओं को बदलाव की प्रेरक शक्ति बनाने की हमारी प्रतिबद्धता है। हम उन्हें सही उपकरण, संसाधन और ज्ञान उपलब्ध कराते हैं, ताकि वे मज़बूत समुदाय खड़ा कर सकें। UPSRLM और जिला आयुक्त के साथ हमारा सहयोग इस पहल को पूरे उत्तर प्रदेश में गति दे रहा है और अधिक महिलाओं को इस सामाजिक प्रभाव आंदोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। आज महिलाएँ डिजिटल और वित्तीय समावेशन में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। हमारा लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में इस कार्यक्रम से 1 लाख महिलाएँ जुड़ें, ताकि भारत की डिजिटल विकास यात्रा में कोई भी महिला पीछे न रहे।”
श्रीमती जयत्री दासगुप्ता, सीएमओ, पेनियरबाय एवं प्रोग्राम डायरेक्टर, डिजिटल नारी ने कहा, “यह कार्यक्रम महिलाओं को घर से या किसी स्टोर से काम करने की लचीलापन देता है। वे स्थानीय मांग के अनुसार 25 से अधिक आवश्यक सेवाओं में से चुन सकती हैं और अपनी सुविधा से काम कर सकती हैं। हर ‘डिजिटल नारी’ या ‘बैंकर दीदी’ अपने घर या स्टोर से वित्तीय और डिजिटल सेवाएँ प्रदान करती हैं। प्रत्येक लेन-देन पर उन्हें कमीशन मिलता है, जिससे एक स्थिर आय का स्रोत बनता है। यह मॉडल न केवल महिलाओं को लंबे समय तक आर्थिक स्वतंत्रता देता है, बल्कि उनके समुदाय में ज़रूरी सेवाओं की निरंतर उपलब्धता भी सुनिश्चित करता है।”








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