केवल 14 मिनट में शोर बंद करा कर पुलिस ने बचाई 70 दिन के नवजात की जान
27 सितंबर 2025
गोरखपुर के गीडा थाना अंतर्गत नौसड़ इलाके में शुक्रवार की रात, एक घर में नवरात्रि पूजा में HIGH DECIBEL में देवी गीत बज रहा था. पास के घर में ढाई महीने का नवजात, जो 4 दिन पहले ही अस्पताल के NICU से घर लौटा है, तेज आवाज में बज रहे भक्ति गीतों के कारण परेशान होकर रोने लगा. बच्चे की माँ ने हाथ जोड़ कर प्रार्थना की कि पड़ोसी साउंड को बंद कर दे मगर पड़ोसी ने इसे ‘धर्म और भक्ति का मामला’ बता कर, विनती सुनने से इंकार कर दिया. इसके बाद जब नवजात बच्चे की माँ ने पुलिस बुलाने की चेतावनी दी तो पड़ोसी ने अकड़ कर जवाब दिया कि यह धार्मिक कार्यक्रम है और योगी जी के राज में पुलिस कोई एक्शन नहीं लेगी. इसके बाद बच्चे की माँ ने शोर के खिलाफ, वर्ष 2008 से जागरूकता अभियान और नि:शुल्क हेल्पलाइन चलाने वाली संस्था ‘सत्या फाउंडेशन’ के हेल्पलाइन नंबर 9212735622 पर कॉल करके शिकायत की. ‘सत्या फाउंडेशन’ के सचिव चेतन उपाध्याय ने तुरंत ही इसकी सूचना, एक्स के माध्यम से सभी उच्च अधिकारियों को दी. https://x.com/chetanupadhyaya/status/1971634586393497877?t=JvVX-3n4RndYceOR5Q9hIQ&s=19 इसके साथ ही डायल 112 और गोरखपुर पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर 9454417470 पर शिकायत दर्ज करायी. शिकायत में कहा गया कि अभी कुछ ही दिन पहले लाउडस्पीकर के तेज शोर के चलते एक नवजात की मौत हो चुकी है और कृपया तत्काल पुलिस फोर्स भेज कर इस नवजात के प्राणों की रक्षा की जाये.
इसके बाद देवदूत बन कर, मात्र 14 मिनट में मौके पर पहुंची पुलिस ने, सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए शोर को बंद करा दिया. नवजात की जान बचने के बाद, उसकी माँ के मुँह से बस यही शब्द निकले : ‘थैंक यू पुलिस, थैंक यू सत्या फाउंडेशन’ __________________________________________________________
पूजा-इबादत, शादी-विवाह, उत्सव-जलसे या उद्योग-व्यापार के नाम पर शोर मचाना धर्मशास्त्र, चिकित्सा शास्त्र और कानून के ख़िलाफ है.
क्या कहता है कानून? रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच: साउंड प्रूफ ऑडिटोरियम/हॉल के अलावा किसी भी खुली जगह में ध्वनि प्रदूषण जैसे- लाउडस्पीकर, डी.जे., आतिशबाजी, बैंड-बाजा, पावरलूम, स्कूटर-कार-बस आदि का हार्न और यहाँ तक कि बिना लाउडस्पीकर वाला कंठ/वाद्य संगीत भी पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इस दौरान मशीन/बाजा पूरी तरह स्विच ऑफ होना चाहिए.

प्रातः 6 बजे से रात 10 बजे के बीच: ध्वनि के स्रोत से 1 मीटर की दूरी पर अधिकतम 70 से 75 डेसीबल से अधिक का शोर गैरकानूनी है. कृपया गूगल प्ले स्टोर से साउंड लेवल मीटर को डाउनलोड करें.
रात की समय सीमा या दिन की डेसीबल सीमा का उल्लंघन करने वाले दोषी को आई.पी.सी. की धारा 290 व 291 के अलावा पर्यावरण संरक्षण एक्ट-1986 के तहत ₹1,00,000 (1 लाख) तक जुर्माना या 5 साल तक की जेल या एक साथ दोनों सजा हो सकती है. शिकायत दर्ज कराने के लिए डायल 112 अथवा निकटतम थानाध्यक्ष से संपर्क करें.
घर बैठे मुकदमा दर्ज करने के लिए कृपया गूगल प्ले स्टोर से UPCOP को डाउनलोड करें.___________________








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