धन्वन्तरि कूप विश्व में अद्वितीय : डॉ. दयाशंकर मिश्र [दयालु]
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आयुष मंत्री ने काशी के ऐतिहासिक कूप की विशिष्टता पर प्रकाश डाला
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राष्ट्र स्वास्थ्य के लिए हुआ पूजन व हवन, हेमन्त ऋतु में स्वास्थ्य रक्षा पर की संगोष्ठी
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वैद्य समाज व चिकित्सा संगठनों ने वैदिक ऋचाओं के साथ दी आहुतियां
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वाराणसी 18 अक्टूबर। काशी मण्डल वैद्य सभा, वाराणसी द्वारा आयोजित धन्वन्तरि जयन्ती के अवसर पर महामृत्युन्जय मन्दिर परिसर (दारानगर) स्थित धन्वन्तरि अमृत कूप एवं धनवत्रेश्वर महादेव पर राष्ट्र स्वास्थ्य के लिए विशेष पूजन, अर्चन और हवन का आयोजन किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि यह धन्वन्तरि कूप विश्व में अद्वितीय है। यहाँ भगवान धन्वन्तरि ने स्वर्ग गमन से पूर्व अपनी औषधि पेटिका डाली और जल को सर्वरोग हर बनाया।
उन्होंने उपस्थित वैद्य एवं चिकित्सकों को बताया कि नाग कूप का जल ग्रहण करने से आरोग्य लाभ होता है तथा जल का सेवन स्वास्थ्य एवं आरोग्य के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयुष की सभी चिकित्सा पद्धतियों के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और सभी जिलों में संयुक्त चिकित्सालय स्थापित किए जाएंगे। आयुषमान योजना के अंतर्गत रोगियों को लाभ प्रदान किया जाएगा। यजमान के रूप में डा. राकेश मोहन श्रीवास्तव रहे।इस अवसर पर वैद्य सभा से डा. एस.एस. गांगुली, डा. अजय जायसवाल, प्राकृतिक चिकित्सा से डा. एस.डी. यादव, डा. आर.जे. पाल, डा. राजेश मौर्या, मंत्री के जनसंपर्क अधिकारी गौरव राठी, विश्व आयुर्वेद परिषद से वैद्य मनीष मिश्रा, डा. देवानन्द पाण्डेय, एवं जनपद आयुर्वेद सम्मेलन से डा. डी.के. सिंह, डा. बी.आर. यादव और डा. पी.के. सिंह, ने हवन कुण्ड में अपनी श्रद्धा की आहुतियां अर्पित की।पूजन-अर्चन के पश्चात्, वैद्य रंगी राम विश्वकर्मा की स्मृति में आयोजित वैज्ञानिक संगोष्ठी में हेमन्त ऋतु में स्वास्थ्य रक्षा पर विस्तार से चर्चा हुई। वैद्य ओम प्रकाश विश्वकर्मा ने वैद्य रंगी राम विश्वकर्मा के व्यक्तित्व और योगदान पर प्रकाश डाला, जबकि कार्यक्रम का स्वागत डा. सुभाष श्रीवास्तव (अध्यक्ष) ने किया। अध्यक्षीय उद्बोधन डा. केशरी नारायण त्रिपाठी ने दिया। इस अवसर पर डा. सुभाष श्रीवास्तव ने हेमन्त ऋतु में स्वास्थ्य हेतु आहार संबंधी मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि मधुर अम्ल एवं लवणयुक्त आहार जैसे गुड़, आंवला, गौ घृत, अश्वगंधा, कपिकच्छु, शिलाजीत, सफेद मुसली, सोंठ, पीपल और काली मिर्च का सेवन, साथ ही अभ्यंग तेल मालिश करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।कार्यक्रम का संचालन वैद्य ध्रुव कुमार अग्रहरि, डा. नन्दकिशोर सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डा. विजय राणा ने किया। इस प्रकार धन्वन्तरि जयन्ती 2025 ने काशी के वैद्य समाज, चिकित्सकों और आम जनता को वैदिक ज्ञान, जल और आरोग्य के महत्व की प्रेरणा प्रदान की।








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