प्रधानमंत्री को वोट चोर कहने पर वाराणसी के भाजपानेता शशांक शेखर त्रिपाठी ने लोक सभा अध्यक्ष आयोग चुनाव आयोग से किया शिकायत भेजा मेल
शिकायत कुछ इस प्रकार से है——-
शिकायतकर्ता: शशांक शेखर त्रिपाठी, अधिवक्ता एवं संयोजक, भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ, काशी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश
दिनांक: 28 अगस्त, 2025
स्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश
विषय: राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री और संवैधानिक संस्थाओं पर असंसदीय टिप्पणियों के विरुद्ध शिकायत
आज, 28 अगस्त 2025 को, मैंने (शशांक शेखर त्रिपाठी, अधिवक्ता और भाजपा काशी क्षेत्र विधि प्रकोष्ठ के संयोजक) माननीय लोकसभा अध्यक्ष और भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India – ECI) को ईमेल के माध्यम से एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। यह शिकायत कांग्रेस नेता श्री राहुल गांधी द्वारा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध और भारत की संवैधानिक संस्थाओं, विशेषकर ECI, के खिलाफ की गई अपमानजनक और असंसदीय टिप्पणियों के संबंध में है।
हाल ही में, श्री राहुल गांधी ने सार्वजनिक मंचों पर कई बार प्रधानमंत्री के लिए “वोट चोर” जैसे असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया है।
* 7 अगस्त 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, उन्होंने कर्नाटक में मतदाता सूची में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए “वोट चोरी” की बात कही।
* 22 अगस्त 2025 को बिहार में एक सभा में, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को सीधे तौर पर “वोट चोर” कहकर संबोधित किया और उन पर ECI के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया।
* 27 अगस्त 2025 को मुजफ्फरपुर में एक रैली में, उन्होंने ‘वोट चोरी’ के व्यापक आरोपों को दोहराते हुए कहा कि वे इस बात के सबूत इकट्ठा कर रहे हैं कि चुनावों में “चोरी, डिलीट और जोड़-तोड़” हुआ है।
इन आरोपों से स्पष्ट है कि श्री राहुल गांधी देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और निर्वाचन आयोग जैसी स्वायत्त संस्थाओं की गरिमा को लगातार ठेस पहुंचा रहे हैं। प्रधानमंत्री जैसे गरिमापूर्ण पद और ECI जैसी संवैधानिक संस्था पर इस तरह के निराधार आरोप लगाना न केवल संसदीय मर्यादा का उल्लंघन है, बल्कि यह आम जनता के विश्वास को भी कमज़ोर करता है।
यह मेरा मानना है कि ऐसी टिप्पणियां स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बेहद हानिकारक हैं। इसलिए, मैंने माननीय लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि:

* राहुल गांधी द्वारा प्रयोग किए गए इन असंसदीय शब्दों को लोकसभा के रिकॉर्ड से हटाया जाए।
* इस मामले को विशेषाधिकार समिति (Committee of Privileges) के पास भेजा जाए।
* राहुल गांधी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का निर्देश दिया जाए।
* भविष्य में इस तरह की टिप्पणियों को रोकने के लिए उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
मैंने निर्वाचन आयोग से भी अनुरोध किया है कि वे इस तरह के निराधार आरोपों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करें, जो उनकी निष्पक्षता और अखंडता पर सवाल उठाते हैं। मेरा यह कदम एक अधिवक्ता और एक जागरूक नागरिक के रूप में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने का एक प्रयास है।
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