July 13, 2025 4:05 am

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भारत की अमृत-पीढ़ी को सशक्त बनाना

भारत की अमृत-पीढ़ी को सशक्त बनाना

अमृत पीढ़ी के सभी सपनों को पूरा करना, अनगिनत अवसर पैदा करना और उनके मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करना सरकार का संकल्प है ~प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी

 

परिचय

पिछले ग्यारह वर्षों में भारत सरकार ने युवाओं को सशक्त बनाने के लिए पूरी लगन से काम किया है। भारत में दुनिया की
सबसे बड़ी युवा आबादी है, जिसमें लगभग 65% लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं। सरकार इसे देश के विकास में तीव्रता लाने और दीर्घकालिक रणनीतिक वृद्धि हासिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखती है। इसका उद्देश्य युवाओं को आगे बढ़ने, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और भारत को भविष्य की ओर ले जाने में मदद करना है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आधुनिक कौशल, अच्छी नौकरियां और सफल उद्यमी बनने के लिए सहयोग मिले।

शिक्षा: ज्ञान महाशक्ति का निर्माण

पिछले एक दशक में, भारत ने स्कूलों से लेकर विश्वविद्यालयों तक अपनी शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में तेज प्रगति की है। आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे संस्थानों के बड़े सुधार और विस्तार सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण और भविष्य के लिए तैयार शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
* राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020: 29.07.2020 को घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्कूली शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा सहित उच्च शिक्षा में विभिन्न सुधारों का प्रस्ताव करती है। इसका उद्देश्य 2030 तक प्रीस्कूल से माध्यमिक स्तर तक जीईआर (सकल नामांकन अनुपात) को 100% तक बढ़ाना है जबकि व्यावसायिक शिक्षा सहित उच्च शिक्षा में जीईआर को 26.3% (2018) से 2035 तक 50% तक बढ़ाना है।
* उच्च शिक्षा संस्थान: एआईएसएचई पोर्टल के अनुसार उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) की संख्या में उल्लेखनीय 13.8% की वृद्धि देखी गई है, जो 2014-15 में 51,534 से बढ़कर मई 2025 तक 70,683 हो गई है। इस संख्या में विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्टैंडअलोन विश्वविद्यालय/कॉलेज, पीएम विद्यालक्ष्मी और अनुसंधान एवं विकास संस्थान शामिल हैं।
* विश्वविद्यालय वृद्धि: विश्वविद्यालयों की संख्या 2014-15 में 760 से बढ़कर मई 2025 तक 1,334 हो गई, जो विश्व स्तरीय संस्थानों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
* कॉलेज वृद्धि: उच्च शिक्षा की बढ़ती मांग को पूरा करते हुए कॉलेजों की संख्या 2014-15 में 38,498 से बढ़कर मई 2025 तक 51,959 हो गई।
* आईआईटी की वृद्धि: 2014 में, 16 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) थे। बाद के वर्षों में 7 नए आईआईटी के जुड़ने के साथ, मई 2025 तक कुल संख्या 23 हो गई है।
* आईआईएम: 2014 में, 13 भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) थे। मई 2025 तक, यह संख्या बढ़कर 21 हो गई है।
* चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा: 2014 से, एम्स संस्थानों की संख्या 7 से बढ़कर 23 हो गई है, जो प्रभावी रूप से तीन गुना हो गई है। इसके अतिरिक्त, मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 2,045 हो गई है, जो 2024 तक 1.9 लाख से अधिक मेडिकल सीटें प्रदान करते हैं।
* स्कूल विकास: पीएम श्री (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना के तहत 14,500 स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा। सितंबर 2022 में शुरू की गई पीएम श्री (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना एक केंद्र प्रायोजित पहल है, जिसका कुल परिव्यय 27,360 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्से के रूप में 18,128 करोड़) पांच वर्षों (2022-23 से 2026-27) के लिए है। इस योजना का उद्देश्य चयनित स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी घटकों को प्रदर्शित करते हुए मॉडल संस्थानों में बदलना है। ये स्कूल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समग्र विकास और 21वीं सदी के कौशल पर ध्यान केंद्रित करेंगे, साथ ही पड़ोसी स्कूलों के लिए संरक्षक संस्थान के रूप में भी काम करेंगे।

रोजगार: करियर बनाना

ईपीएफओयाँ पैदा करना और रोजगार के अवसरों का विस्तार करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। भर्ती, उद्योग विकास और निर्यात में केंद्रित प्रयासों ने सभी क्षेत्रों में औपचारिक नौकरियाँ पैदा करने में मदद की है।
रोज़गार मेला 2022: से अब तक 15 राष्ट्रीय रोज़गार मेले के माध्यम से 10 लाख नियुक्ति पत्र वितरित किए गए हैं।
ईपीएफओ: 2017 से 8.59 करोड़ नए ग्राहक जुड़े, जिनमें अप्रैल 2020 के बाद 18-28 वर्ष आयु वर्ग के 3.45 करोड़ युवा शामिल हैं।
स्टार्टअप इंडिया: 2016 में शुरू की गई पहल ने 1.6 लाख से अधिक स्टार्टअप को समर्थन दिया, जिससे 17.6 लाख नौकरियाँ सृजित हुईं।

 


डीपीआईआईटी मान्यता: 31 दिसंबर 2024 तक 1.57 लाख से अधिक स्टार्टअप मान्यता प्राप्त हैं, जिन्होंने 4.8 लाख प्रत्यक्ष नौकरियाँ सृजित कीं।
मुद्रा योजना: अप्रैल 2015 में शुरू हुई योजना के तहत ऋण सीमा जुलाई 2024 में ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख कर दी गई।
युवाओं को राष्ट्र निर्माण से जोड़ना
अग्निपथ योजना: 15 जून 2022 को शुरू हुई योजना के तहत फरवरी 2025 तक 1.5 लाख अग्निवीर भर्ती हुए। इसमें 17.5–21 वर्ष के युवाओं को चार वर्षों के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलता है।
राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2025: स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती पर 11–12 जनवरी को ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद’ का आयोजन हुआ। 30 लाख प्रतिभागियों में से चुने गए 3,000 युवा नेताओं ने प्रधानमंत्री के साथ संवाद किया। इस मंच ने नवाचार और समाधान प्रस्तुत करने का अवसर दिया।

निष्कर्ष
पिछले ग्यारह वर्षों में सरकार ने युवाओं को शिक्षा, कौशल, रोजगार और उद्यमिता के माध्यम से सशक्त बनाने में महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। नए कॉलेज, स्टार्टअप, रोज़गार मेले और सैन्य सेवा के अवसरों ने युवाओं को भविष्य निर्माण में भागीदार बनाया है। ये प्रयास भारत को एक सशक्त और विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अमृत पीढ़ी को अग्रसर कर रहे हैं।

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Author: Liveupweb

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