यूपी में नौकरशाही में बड़ा फेरबदल, 31 IAS और 24 PCS अफसरों के तबादले, 4 जिलों के डीएम बदले
उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार देर रात प्रशासनिक सेवा में बड़ा फेरबदल करते हुए 31 आईएएस, 24 पीसीएस, 1 आईएफएस और 1 सचिवालय सेवा अधिकारी के तबादले कर दिए हैं। इस बदलाव को शासन स्तर पर प्रशासनिक दक्षता और प्रभावी कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। सरकार द्वारा किए गए इस फेरबदल में चार जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) को भी बदला गया है। नए डीएम की तैनाती से संबंधित आदेश जारी कर दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, आगामी समय में शासन और विभागीय कामकाज में तेजी लाने और विकास कार्यों की निगरानी को और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से यह फेरबदल किया गया है। शासन के इस फैसले से संबंधित सभी अधिकारियों को जल्द ही नई तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं। इस बड़े प्रशासनिक फेरबदल को लेकर शासन और सचिवालय में हलचल तेज हो गई है और इसे आगामी योजनाओं की सुचारु क्रियान्वयन की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
भ्रष्टाचार पर गिरी गाज: IG स्टांप समीर वर्मा हटाए गए, 210 तबादले रद्द
स्टांप एवं पंजीयन विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। IG स्टांप समीर वर्मा को हटाकर प्रतीक्षारत किया गया है और उनके द्वारा किए गए 210 तबादले रद्द कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल की शिकायत पर हुई, जिसमें तबादलों में पैसे के लेनदेन और मानकविरोधी तैनातियों का आरोप था। वहीं, स्वास्थ्य विभाग में भी तबादला विवाद के चलते निदेशक भवानी सिंह को हटाकर प्रतीक्षारत किया गया है। सीएम ने पूरे प्रकरण की एसटीएफ जांच के निर्देश भी दिए हैं।
तबादला भ्रष्टाचार पर मायावती का निशाना, विजिलेंस और एसआईटी जांच की मांग
बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी में विभागीय तबादलों में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर विजिलेंस और एसआईटी गठन कर जांच की मांग की। मायावती ने कहा कि सरकार को ऐसे मामलों में समयबद्ध कार्रवाई करनी चाहिए। बता दें, स्टांप एवं पंजीयन विभाग में तबादला घोटाले को लेकर सीएम योगी पहले ही IG स्टांप समीर वर्मा को हटा चुके हैं और 210 तबादले रद्द कर दिए हैं।
पीएम मोदी आज सीवान में करेंगे जनसभा, बिहार को 5736 करोड़ की देंगे सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते 20 दिनों में दूसरी बार बिहार आ रहे हैं। वह आज सीवान के जसौली में जनसभा को संबोधित करेंगे और 5736 करोड़ रुपये की 22 विकास योजनाओं की सौगात देंगे। इस दौरान एक और वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई जाएगी। पीएम मोदी शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 53,666 लाभार्थियों को 51,000 करोड़ की पहली किस्त और 6684 परिवारों को पक्के मकान की चाबियां भी सौंपेंगे। साथ ही अमृत भारत स्टेशन योजना की 11 परियोजनाएं और नमामि गंगे मिशन की 4 परियोजनाओं का शिलान्यास होगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इसे राज्य के विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया है। जनसभा के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं और प्रशासन सतर्कता से जुटा है।
सीएम योगी ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का किया लोकार्पण, चार जिलों को जोड़ेगा हाईवे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आजमगढ़ के सालारपुर में आयोजित कार्यक्रम में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण किया। जनसभा में भारी भीड़ जुटी और जोरदार तालियों के साथ सीएम का स्वागत किया गया। यह 91.35 किमी लंबा एक्सप्रेसवे गोरखपुर, संतकबीरनगर, आंबेडकरनगर और आजमगढ़ से होकर गुजरता है, जिसे भविष्य में 6 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। इसकी कुल लागत 7283.28 करोड़ रुपये है। लोकार्पण के बाद सीएम ने एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया और सरयू नदी पर कम्हरियाघाट पुल पर रुककर कार्यों की समीक्षा की। यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़कर क्षेत्रीय विकास को नई रफ्तार देगा।
भ्रष्ट अधिकारी को फिर से ड्यूटी ज्वॉइन करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के दोषी अधिकारियों की सेवा में वापसी को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को दोबारा ड्यूटी ज्वॉइन करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। अदालत का यह कहना ऐसे समय आया है जब सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है।
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा, “भ्रष्ट अधिकारी को सेवा में लौटने देना व्यवस्था पर करारा तमाचा है।” सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना था कि सरकार को ऐसे मामलों में स्पष्ट और कठोर रुख अपनाना चाहिए ताकि भविष्य में कोई अधिकारी भ्रष्टाचार करने से पहले कई बार सोचे। अदालत की यह टिप्पणी न केवल न्यायपालिका की भ्रष्टाचार के प्रति असहिष्णुता को दर्शाती है, बल्कि यह संकेत भी देती है कि आने वाले समय में ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाया जा सकता है।
राम मंदिर के प्रथम तल पर जल निकासी की कमी, गर्भगृह में अभिषेक जल बना चुनौती
अयोध्या में 1200 करोड़ की लागत से बने भव्य राम मंदिर के प्रथम तल के गर्भगृह में तकनीकी खामी सामने आई है। यह खामी जल निकासी व्यवस्था के अभाव को लेकर है। राजा राम की प्रतिमा के समक्ष रोजाना होने वाले जलाभिषेक और स्नान के दौरान जल फर्श पर फैल जाता है, लेकिन जल निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं होने से पुजारियों को भारी असुविधा हो रही है। ठीक ऐसी ही स्थिति भूतल के गर्भगृह में भी पहले उजागर हो चुकी है। अब प्रथम तल पर भी यह समस्या सामने आने से मंदिर प्रबंधन को निर्माण व्यवस्था पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। फिलहाल पुजारी मैनुअल तरीके से जल हटाने को मजबूर हैं, जो पूजा व्यवस्था में अवरोध का कारण बन रहा है।
प्री-पेड मीटर उपभोक्ताओं को बिजली बिल में 2% की छूट का प्रस्ताव
स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं को बिजली दरों में 2% तक की छूट मिल सकती है। पावर कॉरपोरेशन ने नियामक आयोग में यह प्रस्ताव भेजा है। ऑनलाइन पेमेंट पर भी राहत मिलेगी इंटरनेट बैंकिंग पर कोई सुविधा शुल्क नहीं और ₹4000 तक कार्ड से भुगतान पर भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा। समय पर भुगतान करने पर 1% की छूट, जबकि ग्रामीण उपभोक्ताओं को 5% तक छूट मिलेगी। एडवांस पेमेंट पर ब्याज और मासिक बिल में स्वत: कटौती का प्रावधान भी प्रस्तावित है।
स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा हुआ तीन गुना
स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा धन 2024 में रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गया है। यह आंकड़ा 3.5 अरब स्विस फ्रैंक (लगभग ₹37,600 करोड़) हो गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना से अधिक है। यह बढ़त मुख्य रूप से बैंक शाखाओं और अन्य वित्तीय संस्थानों में रखे गए कोषों की वजह से हुई है। दिलचस्प बात यह है कि व्यक्तिगत ग्राहक खातों में जमा राशि में सिर्फ 11% की वृद्धि देखी गई, जो कुल जमा का मात्र दसवां हिस्सा है। इस वृद्धि ने एक बार फिर भारत में विदेशों में जमा काले धन और कर चोरी पर बहस को गर्म कर दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह जरूरी नहीं कि यह सारी राशि अवैध या अघोषित हो।
गूगल को यूरोपीय कोर्ट से बड़ा झटका, 4.1 अरब यूरो जुर्माने को मंजूरी
अमेरिकी टेक कंपनी गूगल को यूरोपीय संघ के सर्वोच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट के सलाहकार ने यूरोपीय आयोग द्वारा लगाए गए 4.1 अरब यूरो (लगभग ₹37,000 करोड़) के प्रतिस्पर्धा विरोधी जुर्माने को जायज ठहराया है। यह मामला गूगल द्वारा एंड्रॉयड मोबाइल सिस्टम के ज़रिए प्रतिस्पर्धियों को दबाने से जुड़ा है। यूरोपीय आयोग का आरोप है कि गूगल ने मोबाइल निर्माता कंपनियों पर अपने सर्च इंजन और एप्स को प्राथमिकता देने के लिए दबाव डाला, जिससे बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा प्रभावित हुई। गूगल ने इस जुर्माने के खिलाफ अपील की थी, लेकिन कोर्ट सलाहकार की राय के बाद इसे खारिज किए जाने की पूरी संभावना बन गई है।
डिजिटल सुरक्षा में सबसे बड़ी सेंध, Apple-Facebook के डेटा पर हमला
इस तरह चोरी किया होगा डाटा विशेषज्ञों के अनुसार, इस पैमाने पर डाटा कई इन्फोस्टीलिंग मैलवेयर (संवेदनशील जानकारी चुराने वाले सॉफ्टवेयर) से चुराए होंगे। साइबर अपराधी अक्सर इस मैलवेयर का इस्तेमाल करते हैं और पासवर्ड व जानकारियां डार्क वेब पर बेच देते हैं। शोधकर्ताओं ने उस मेजबान प्रोवाइडर से भी संपर्क किया, जो करोड़ों पासवर्ड को टेक्स्ट फाइल में स्टोर कर रहा था। दावा है, कुछ हफ्तों के अंतराल में नए बड़े डाटासेट सामने आते हैं, जो संकेत देते हैं कि इन्फोस्टीलर मैलवेयर कितने खतरनाक हैं।
गूगल के 16 अरब पासवर्ड लीक
विशेषज्ञों के अनुसार, इस पैमाने पर डाटा कई इन्फोस्टीलिंग मैलवेयर (संवेदनशील जानकारी चुराने वाले सॉफ्टवेयर) से चुराए होंगे। साइबर अपराधी अक्सर इस मैलवेयर का इस्तेमाल करते हैं और पासवर्ड व जानकारियां डार्क वेब पर बेच देते हैं। शोधकर्ताओं ने उस मेजबान प्रोवाइडर से भी संपर्क किया, जो करोड़ों पासवर्ड को टेक्स्ट फाइल में स्टोर कर रहा था। दावा है, कुछ हफ्तों के अंतराल में नए बड़े डाटासेट सामने आते हैं, जो संकेत देते हैं कि इन्फोस्टीलर मैलवेयर कितने खतरनाक हैं।
