December 5, 2025 6:38 am

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योगी राज में 8 वर्ष 8 महापरिवर्तन

योगी राज में   8 वर्ष 8 महापरिवर्तन

योगी राज में बदली यूपी की तस्वीर, स्कूलों में बुनियादी ढांचे से लेकर डिजिटल लर्निंग तक आया क्रांतिकारी बदलाव

ऑपरेशन कायाकल्प से स्कूलों में शौचालय, बिजली, पुस्तकालय जैसी सुविधाएं 96% तक पहुंचीं

शिक्षा के बजट में बड़ी बढ़ोतरी, बच्चों को ₹1200 डीबीटी से मिल रहा यूनिफॉर्म, जूते-मोजे और बैग

1.32 लाख स्कूलों में लाइब्रेरी, 25,000 से ज्यादा स्मार्ट क्लासेज, 2.6 लाख टैबलेट का हुआ वितरण

लड़कियों की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर कस्तूरबा विद्यालयों में सुविधाएं तीन गुना बढ़ीं

2017 से पहले के हालात दयनीय, अब प्रेरणा एप से मॉनिटरिंग, डिजिटल क्लास से सीख रहे हैं लाखों बच्चे

लखनऊ, 2 अगस्त। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा का जो ढांचा था, वह कमजोर, अनियोजित और संसाधनों की कमी से जूझ रहा था। अधिकांश प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय, पीने का पानी, पुस्तकालय, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं थीं। लेकिन बीते 8 वर्षों में योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में ऑपरेशन कायाकल्प, समग्र शिक्षा, पीएम श्री योजना और प्रेरणा ऐप जैसे अनेक नवाचारों से शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन कर दिया है। योगी सरकार के बीते आठ वर्षों में बेसिक शिक्षा का ढांचा केवल बदला नहीं, बल्कि भविष्य के अनुकूल बना है। जहां एक समय यूपी के स्कूलों को “खस्ताहाल” माना जाता था, वहीं आज वही स्कूल स्मार्ट क्लास, डिजिटल शिक्षा, शौचालय, पुस्तकालय, सुरक्षा, छात्रवृत्ति और पोषण जैसे सभी पहलुओं में देश में उदाहरण बन चुके हैं। यूपी में शिक्षा का यह परिवर्तन नीति आयोग और भारत सरकार द्वारा प्रशंसा योग्य घोषित हो चुका है। यह दिखाता है कि अगर इच्छाशक्ति हो और सही योजना बनाई जाए, तो किसी भी व्यवस्था को बदला जा सकता है।

2017 से पहले: टूटे-फूटे स्कूल, बिना सुविधाओं के बच्चे

2017 तक मात्र 36% विद्यालयों में ही बुनियादी ढांचा उपलब्ध था

पुस्तकालय सुविधा सिर्फ 7500 स्कूलों तक सीमित थी

बालिकाओं के लिए सिर्फ 33.9% स्कूलों में ही शौचालय उपलब्ध थे

स्कूलों में डिजिटल शिक्षा या स्मार्ट क्लास जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी

यूनिफॉर्म, जूते, मोजे और किताबों की आपूर्ति में मासिक देरी सामान्य थी

शिक्षक प्रशिक्षण और डिजिटल साक्षरता नाम मात्र की थी

ऑपरेशन कायाकल्प ने बदली तस्वीर
योगी सरकार द्वारा आरंभ किए गए ऑपरेशन कायाकल्प अभियान के जरिए स्कूलों को 19 मानकों पर सुधार का लक्ष्य दिया गया, जिसमें 96% तक सफलता हासिल की गई। इन बदलावों में शामिल हैं:

 

बुनियादी सुविधाएंः
शौचालय: बालिकाओं के लिए शौचालय की उपलब्धता 33.9% से बढ़कर 83.3% हो गई (54% का सुधार)
बालक/बालिका शौचालय: 53,154 बालक, 51,826 बालिका शौचालय निर्मित
बिजली: विद्युत उपलब्धता 85.9% तक पहुंची, 30% की वृद्धि
पेयजल: 88.5% स्कूलों में सुरक्षित जल व्यवस्था
हैंडवॉशिंग यूनिट: 1,22,255 यूनिट्स बनाए गए
फर्नीचर: 61,128 विद्यालयों को फर्नीचर से युक्त किया गया
बाउंड्री वॉल: 51,826 विद्यालयों में सुरक्षा के लिए चारदीवारी
स्कूल भवन: 4,336 नए विद्यालय भवन, 7,229 जर्जर स्कूलों का पुनर्निर्माण

शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधन बढ़े
पुस्तकालय और किताबेंः
2010 में 22.9% स्कूलों में लाइब्रेरी थी, जो 2024 में 77.6% हो गई
1,32,678 विद्यालयों में लाइब्रेरी निर्माण, हर स्कूल में 500 किताबों की उपलब्धता
2024-25 में 15.37 करोड़ पाठ्यपुस्तकें समय से वितरित की गईं

शिक्षक प्रशिक्षण:
2016-17 में सिर्फ 96,700 शिक्षक प्रशिक्षित हुए
2024-25 में 4.53 लाख शिक्षकों को एफएलएन (फाउंडेशनल लिट्रेसी एंड न्यूमेरेसी) और डिजिटल शिक्षण विधियों में प्रशिक्षण
गणित, कोडिंग, एआई, जीवन कौशल, सुरक्षा आदि विषयों पर विशेष प्रशिक्षण

डिजिटल शिक्षा:
25,784 स्मार्ट क्लास, 5,568 आईसीटी लैब, 2.61 लाख टैबलेट वितरित
प्रेरणा ऐप और वीएसके/एनबीएणसी प्लेटफॉर्म से रीयल टाइम डेटा ट्रैकिंग

मध्याह्न भोजन और बच्चों का पोषण:
मिड-डे मील कवरेज: 2010 में 71.3% से बढ़कर 2024 में 95.4% (24% की प्रगति)
इससे बालक-बालिकाओं की स्कूल उपस्थिति में बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है

बालिका शिक्षा को नई उड़ान
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय:
2017 में नामांकन: 72,680 छात्राएं
2024-25 में बढ़कर 83,584 छात्राएं
746 केजीबीवी विद्यालयों में आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लास, डॉर्मिट्री, कंप्यूटर लैब आदि उपलब्ध
718 डॉर्मिट्री, 514 टॉयलेट ब्लॉक, 574 कंप्यूटर लैब्स बनाए गए

DBT से पारदर्शिता, लाभ सीधा खातों में
₹1,200 प्रति छात्र, यूनिफॉर्म, जूता, स्वेटर, स्टेशनरी आदि के लिए
अब तक ₹1,200 करोड़ सीधे खातों में भेजे गए
क्रय प्रक्रिया से मैनुअल घपलों पर रोक लगी

नए स्कूल और संरचनात्मक विकास
मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट स्कूल योजना के तहत 75 जनपदों में दो-दो मॉडर्न स्कूल (₹30 करोड़ लागत प्रति विद्यालय)
पीएम श्री स्कूल: प्रदेश में 1,722 विद्यालय चयनित, अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित

आरटीई में रिकॉर्ड नामांकन
2016-17 में 10,784 छात्र
2024-25 में 4.58 लाख छात्र, निजी विद्यालयों में अध्ययनरत

खेल और शारीरिक शिक्षा में निवेश
87,023 प्राथमिक स्कूलों को ₹5,000 प्रति स्कूल
44,526 उच्च प्राथमिक स्कूलों को ₹10,000 प्रति स्कूल
अब खेल भी शिक्षा का अनिवार्य हिस्सा बन चुका है

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Author: Liveupweb

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