टीबी से मुक्ति के लिए जन सहभागिता आवश्यक- पूर्व राज्य मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी
दस क्षय रोगियों को लिया गोद
शहरी सीएचसी दुर्गाकुंड में किया पोषण पोटली का वितरण
मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर होगी पोषण पोटली- सीएमओ

वाराणसी,28 जुलाई 2025 प्रधानमंत्री जी के टीबी मुक्त भारत के विजन के दृष्टिगत एवं मुख्यमंत्री जी के आह्वान पर जिसमें उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों को टीबी के मरीजों को गोद लेने हेतु प्रेरित किया था के तहत शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दुर्गाकुंड में पूर्व राज्य मंत्री व शहर दक्षिणी विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी ने सोमवार को दस क्षय रोगियों को गोद लिया तथा इन मरीजों में पोषण पोटली का वितरण किया। इन्होंने इस अवसर पर कहा कि यदि टीबी मुक्त भारत के सपना को साकार करना है तो इसे जन आंदोलन बनाना होगा जिसमें सभी की सहभागिता आवश्यक है। उनके द्वारा जन प्रतिनिधियों, प्रबुद्ध वर्गों एवं जनपद वासियों से निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों की मदद करने की अपील भी की गई| उन्होंने कहा कि यह पोषण पोटली मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर है।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि टीबी का इलाज संभव है, यदि सही समय पर इसका उपचार करवाया जाये और समय से दवाइयों का सेवन किया जाये तथा पोषण का विशेष ध्यान रखा जाए तो क्षय रोगी आसानी से स्वस्थ हो जाते हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि वर्तमान में काशी विद्यापीठ ब्लाक के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार की गई पोषण पोटली में भुना चना भुनी हुई मूंगफली न्यूट्रेला चने की दाल, गुड इत्यादि पोषक पदार्थ होते हैं जिसका वितरण किया जा रहा है। गोद लिए गए मरीजों को, कम से कम 6 महीने अथवा उपचार समाप्ति तक पोषण पोटली के साथ मानसिक संबल प्रदान किए जाने का प्रावधान है। ट्यूबरक्लोसिस के मरीज जब ठीक होने लगते हैं तो अक्सर उनमें यह प्रवृत्ति देखी जाती है कि वह दवा या तो छोड़ देते हैं या समय पर दवा नहीं खाते हैं। निक्षय मित्र बनकर हम उनके उपचार को पूरा करने के लिए प्रेरित करने तथा उपचार के दौरान आने वाली छोटी-छोटी समस्याओं हेतु निदान सुझा सकते हैं।
इस अवसर पर डॉ सोनल त्रिपाठी व अन्य चिकित्सा अधिकारी सहित चिकित्सा कर्मी उपस्थित रहे।








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