December 5, 2025 3:06 am

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वाराणसी कचहरी फर्जी वकील प्रकरण में पीड़ित आया सामने कहा मै वकील नहीं मुवक्क्ली हूँ

 

वाराणसी कचहरी  फर्जी वकील प्रकरण में पीड़ित आया सामने कहा  मै  वकील  नहीं मुवक्क्ली हूँ बीते दिनों सोशल मीडिया पर जोरों से वायरल हो रहे हैं फर्जी वकील मामले में एक नया मोड सामने आया है विवेक कुमार गुप्ता ने पराड़कर स्मृति भवन में प्रेसवार्ता कर दी उन्होंने बताया कि मैं पूर्वांचल विकास मंच और उद्योग व्यापार मंडल काशी के अध्यक्ष के रूप में, आज आप सबके सामने अपने साथ हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना को साझा करने के लिए उपस्थित हूँ। मेरा पूरा जीवन समाज के गरीब, असहाय और व्यापारियों की सेवा में समर्पित रहा है। मेरे ऊपर आज तक किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है।

यह घटना मेरे साथ 21 अगस्त, 2025 को हुई। मैं अपने पैतृक जमीन के एक लंबित मुकदमे के सिलसिले में एक साधारण नागरिक की सरह कचहरी गया था। मेरा वकालत से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं हैय में एक व्यापारी और सामाजिक नेता हूँ।

जब मैं कचहरी से लौट रहा था, कुछ तथाकथित विपक्षी वकीलों ने मुझे घेर लिया और मुझ पर अधिवक्ता होने का आरोप लगाते हुए मेरा CO-P- (सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस) दिखाने के लिए कहा। मैंने उन्हें २५ष्ट रूप से बताया कि मैं वकील नहीं हूँ और अपना विजिटिंग कार्ड भी दिया। इसी दौरान मेरे एक मित्र अधिवक्ता एसआर शेख जी ने भी उन लोगों को बताया कि मैं एक वकील नहीं, बल्कि एक समाजसेवी और व्यापारी नेता हूँ जिनका अपना मुकदमा चल रहा है।

इसके तावजूद मुझ पर जबरन दबाव डाला गया और तुझे बनारस धार में खींचकर ले जाया गया। वहां मुझे दो महिला वकीलों सहित मोजूद लोगों द्वारा बिना किसी कारण के प्रताड़ित किया गया। भरे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। मुझ पर चिल्लाया गया, मेरे साथ गाली-गलौज की गई और मेरा मोबाइल तक छीन लिया गया। भरी सामाजिक प्रतिष्ठा की लाख दुहाई देने पर और यह बताने पर कि मैं 60 वर्ष आप एक सीनियर सिटीजन हूँ, मेरा उपहास उड़ाया गया।

बिना साध्य अवैध हिरासत और मानवाधिकारों का उल्लघन मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि मेरे साथ जो हुआ वह एक सुनियोजित पदरात्र का हिस्सा था। मेरे पास वकालत का कोई प्रमाण नहीं था फिर भी मुझे बिना किसी साक्ष्य या अधिकार के अवैध रूप से हिरासत में लिया गया। मुझे अपराधी की तरह थाना कैंट ले जाया गया। मेरा वीडियो बनाकर वायरल किया गया और मेरी छवि को धूमिल करने के लिए प्रिंट नाडिया में भी झूठी खबरे छपवाई गई। मेरा सम्मान जो मैंने 40 वर्षों में कमाया था, उसे एक पल में खत्म करने की कोशिश की गई।

दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

में इस घटना की घोर निंदा करता हूँ और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग करता हूँ-

उन सभी वकीलों के खिलाफ, जिन्होंने मुझे घेरा, धमकाया और बिना किसी अधिकार के हिरासत में लिया। बनारस बार के उन पदाधिकारियों के खिलाफ, जिन्होंने मेरा मोबाइल छीना और मेरा मानसिक उत्पीडन किया।

उन लोगों के खिलाफ, जिन्होंने मेरे साथ मास्ट औथे गाली-गलौज और मेरे वीडियो को वायरल किया गया। मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने

के लिए जिम्मेदार सभी व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल दडात्मक कार्यवाही की जाए। मैनेपूर्वान्चल विकास मंच का गठन कर 1999 से जनसंघर्ष जनमानस का सहयोग किया मेरे राजनैतिक गुरू स्व० चन्द्रजीत यादवजी मेरे व्यापारिक गुरू स्व० श्याम बिहारी मिश्रा तथा अध्यात्मिक राजनैतिक गुरू माननीय गोविंदाचार्य जी के निर्देश से समर्पण कर मैं समाज में जनसंघर्ष का कार्य किया है। यह लडाई सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि हर उस सामाला नागरिक की है, जिसे न्याय पाने के लिए कचहरी में आना-जाना पड़ता है। मैं इस अन्याय के खिलाफ तब तक लढता रहूँगा, जब तक मुझे न्याय नहीं मिल जाता। मेरा संघर्ष जनहित और व्यापारी हित में सदेत जारी रहेगाप्रार्थी विवेक कुमार गुप्ता पुत्र एक मुरारी लाल गुप्ता शि० 19/24-दीपुरदुरदरी निति है

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यह कि प्रार्थी वर्ष का सीनियर सिटीजन है। प्रार्थी अपनी पैतृक आपराधिक भू-माफिया किस्म के लोगों द्वारा बताकर अपना नाम वादा कार्क बेरखात करने का प्रयास किये अपने पैतृक कोने की कोशिश कोर्ट से लेकर अधिवका नियुका करके सन 2000 से आज तक विपक्षीगणों का विधान है। जिसने गरी पड़ती है।

यह कि मेरा जीवन ४० दशों से राजनैतिक सामाजिक हितों की संघर्ष में गुजरा लेकिन आज तक मेरे ऊपर कोई आरोप लगाने का कार्य गरे विपक्ष के लोग नहीं लगा सके। मैंने सामाजिक सशरपीतिगत कार्यरतहूँ। मेरे सपन कोई गलत प्रष्टाचार कर आरोपी नहीं लगा सका।

एक 30 वर्षों के अंतराला विकास संस्थापना कर जनहित में कार्य किया तथा व्यापारी समाज का प्रतिष्ठित है। व्यापारी राजनीति में मैं काही इधान से जुड़ा आद्योपाल जिला होने के साथ तदोपरान्त उद्योग व्यापार मण्डल काशी का गठन कर ईमानदारी सेापारी हितों के प्रति समर्पित भाव से कार्य तथा पूर्वसदस्य राज्य वाणिज्यकर सलाहकार समिति (उत्तर प्रदेश सरकार का सदस्य रहा तथा प्रदेश उपाध्यक्ष अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन पूर्व प्रदेश महामंत्री अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद से जुड़कर समाज के हितों वास्ते कार्य किया। आज तक मेरे ऊपर किसी प्रकार का आरोप कोई नहीं लगा सका।

यह कि मेरा कई जायदाद सम्बन्धित मुकदमा न्यायालयों में विचाराधीन है जिसके वास्ते मुझे वर्ष 2009 से न्यायालयों में मुकदमें की पैरवी करनी पड़ती है तथा जनहित में यदि असहाय गरीब व्यक्ति की मदद वास्ते अपने द्वारा अनुदान करके व वकीलों द्वारा सहयोग / मदद प्रदान करना मेरी आदत / नियत में न्याय दिलाने वास्ते खती है।

कल दिनांक 21.08.2005 समय 12:30 बजे के करीब मैं अपने जैस के सिलसिले में न्यायालय में अपने वकील से केस की जानकारी के लिए गया था उसी दौरान जब मैं घर जाने के लिए बाहर निकल ही रहा था कि उसी समय तथाकथित विपक्षी कुछ वकील मेरे पास आये और कहने लगे तुम अपना दिखाओ मैंने कहा यह क्या होता है मेरे पास आधार कार्ड है। तो मुझसे कहे कि बार काउन्सिल में चलिये मैंने कहा क्या बात है तो कहने लगे कि तुम वकील बनकर केस लड़ते हो। मैंने कहा कि मैं वकील नहीं हूँ में अपने मुकदमे के सिलसिले में आया था दिनांक 23.08.2025 को मेरा मुकदमा है उसी सिलसिले में आया था तब वह लोग कहे कि ‘बार काउन्सिल में अध्यक्ष के सामने बात होगी। मैं उनके साथ बार काउन्सिल एसोसिएशन में चला गया उस दौरान मैं लाख गुहार लगाता रहा कि जमीन सम्बन्धित मेरा कई मुकदमा चल रहा है मैंने अपने अधिवक्ता का नाम भी बताया कि उनको आने के लिए फोन किया कि मेरे साथ गलत हो रहा है तो वह लोग कहने लगे कि १ अदालत में बहस कर रहा हूँ। उसी दौरान मेरा मोबाइल छीन लिया गया और चौकी थाना फोन करके पुलिस चौकी इंचार्ज को बुलाकर कहे लोग यह फर्जी अधिवक्ता है। लाख सफाई एवं दुहाई के बाद भी मुझे अपमानित करते हुए अपराधी की तरह थाना कैण्ट ले लाया गया।

यह कि पूर्व से मुझे जानने वाले एक अधिवक्ता एस०आर० शेख जी ने बार काउन्सिल में विरोध किया कि यह एक समाजसेवी व्यापारी नेता है। यह अपने जमीन के मुकदमा में आते हैं इनको में करीब 20 वर्षों से जानता है ये तो गरीब, असहाय लोगों की आर्थिक, न्यायिक मदद करते रहते हैं। लेकिन उनको भी झिड़क दिया गया।

 

यह कि विपक्षी जो भू-माफिया है द्वारा मुकदमा दौरान फर्जी मुकदमे में फँसाने की साजिश अपने हेली-मेली अधिवक्ताओं के साथ मिलकर लगातार कोशिश की गई तथा खुली जानमाल की धमकी दी गई कि जायदाद छोड़ कर मुकदमा वापस ले लो परन्तु मेरे परिचित द्वारा साहस दिलाया गया मैंने हार नहीं मानी। हर तरीके से विपक्षीगणों को असफलता मिलने पर दिनांक 21.08.2025 को कुचक्र रचकर रास्ते में रोका गया तथा कार्ड मांगा गया मैंने अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि मैं अपना मुकदमा के काम से आता है। मेरा 23.08.2025 को मुकदमें में तारीख है इसलिए मैं अपने वकील से मिलने आया हूँ तथा बराबर आता रहता है। मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी हितों हेतु व्यापार मण्डल से जुड़ा हुआ हूँ। मैं अपना विजिटिंग कार्ड भी दिया और बताया भी उसके बाद भी मुझे बनारस बार एसोसिएशन में जाया गया मैं अपना पूरी बात बताया कि कई मुकदमें की पैरवी में आता रहता हूँ लेकिन सभी बातों को अनुसुनाकर बेवजह फर्जी वकील बताकर चौकी इंचार्ज कचहरी के पुलिस को बुला लिया गया एवं मानसिक रूप से उत्पीड़ित कर पुलिस को सुर्पूद किया गया। मैंने अपने वकील से भी बात किया लेकिन मेरा मोबाइल छीन लिया गया और साजिशकर्ता वकीलों द्वारा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में तथा फेसबुक पर डाला गया एवं प्रिंट मीडिया में भी छपवाया गया जिससे मेरा सामाजिक मान सम्मान प्रतिष्ठा तार-तार हो गया। बेमतलब मुझे कैण्ट थाना मैं बैठाया गया जहा पर मुझसे माफीनामा लिखवाया गया कि आज के बाद से मैं धारीदार काली सदरी पहन कर कभी भी पहन र कचहरी परिसर में नहीं जाऊँगा। जबकि पिछले 40 सालों से सदरी पहन कर घर से निकलता हूँ क्योंकि मेरा प्रमुख व्यापारिक संगठन है जिसका मैं प्रमुख है। रे साथ अभद्रता, बसलूकी किया गया। जबकि बनारस बार एसोसिएशन तथा सेण्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व तथा वर्तमान कई पदाधिकारियों द्वारा कैण्ट पुलिस को बताया गया कि यह अधिवक्ता नहीं है बल्कि प्रतिष्ठित सामाजिक तथा राजैनिक कार्यकर्ता है जो मजबूर, पीड़ित जनता की मदद करते रहते हैं व व्यापारी नेत

अतः आप से निवेदन है कि तत्काल सारे घ८० कम संज्ञान लेकर घटनाक्रम में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की कृपा करें। जिससे मुझ प्रार्थी केआज का प्रेसवार्ता कहा कि मैं विवेक कुमार गुप्ता, पूर्वांचल विकास मंच और उद्योग व्यापार मंडल काशी के अध्यक्ष के रूप में, आज आप सबके सामने अपने साथ हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना को साझा करने के लिए उपस्थित हूँ।

मेरा पूरा जीवन समाज के गरीब, असहाय और व्यापारियों की सेवा में समर्पित रहा है। मेरे ऊपर आज तक किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है।

यह घटना मेरे साथ 21 अगस्त, 2025 को हुई। मैं अपने पैतृक जमीन के एक लंबित मुकदमे के सिलसिले में एक साधारण नागरिक की तरह कचहरी गया था। मेरा वकालत से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं हैय मैं एक व्यापारी और सामाजिक नेता हूँ।

जब मैं कचहरी से लौट रहा था, कुछ तथाकथित विपक्षी वकीलों ने मुझे घेर लिया और मुझ पर अधिवक्ता होने का आरोप लगाते हुए मेरा C-O-P- (सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस) दिखाने के लिए कहा। मैंने उन्हें स्पष्ट रूप से बताया कि मैं वकील नहीं हूँ और अपना विजिटिंग कार्ड भी दिया। इसी दौरान मेरे एक मित्र अधिवक्ता एस.आर. शेख जी ने ,भी उन लोगों को बताया कि मैं एक वकील नहीं, बल्कि एक समाजसेवी और व्यापारी नेता हूँ, जिनका अपना मुकदमा चल रहा है।

इसके बावजूद, मुझ पर जबरन दबाव डाला गया और पुझे बनारस धार में खींचकर ले जाया गया। वहां मुझे दो महिला वकीलों सहित मौजूद लोगों द्वारा बिना किसी कारण के प्रताड़ित किया गया। मेरे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। मुझ पर चिल्लाया गया, मेरे साथ गाली-गलौज की गई, और मेरा मोबाइल तक छीन लिया गया। मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा की लाख दुहाई देने पर, और यह बताने पर कि मैं 60 वर्ष का एक सीनियर सिटीजन हूँ, मेरा उपहास उड़ज्ञया गया।

बिना साक्ष्य अवैध हिरासत और मानवाधिकारों का उल्लंघन मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि मेरे साथ जो हुआ वह एक सुनियोजित षड़यंत्र का हिस्सा था। मेरे पास वकालत का कोई प्रमाण नहीं था, फिर भी मुझे बिना किसी साक्ष्य या अधिकार के अवैध रूप से हिरासत में लिया गया। मुझे अपराधी की तरह थाना कैंट ले जाया गया। मेरा वीडियो बनाकर वायरल किया गया और मेरी छवि को धूमिल करने के लिए प्रिंट मीडिया में भी झूठी खबरें छपवाई गई। मेरा सम्मान जो मैंने 40 वर्षों में कमाया था, उसे एक पल में खत्म करने की कोशिश की गई।

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Author: Liveupweb

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