भारत के प्राचीनतम मंदिर माँ मुंडेश्वरी देखने एक बार जरूर जाएं!
यदि आपकी पर्यटन व तीर्थाटन में रुचि है तो आपको कैमूर पहाड़ पर मौजूद माँ मुंडेश्वरी धाम की यात्रा एक बार अवश्य करनी चाहिए। पहाड़ की चढ़ाई, जंगल की सैर, प्राचीन स्मारक का भ्रमण और मां भवानी के दर्शन। यह सारे सुख एक साथ मिलते हैं यहां की यात्रा में। शायद यही कारण है कि पहाड़ के ऊपर बने इस इस सुंदर मंदिर में जो एक बार आता है, वह बार-बार आना चाहता है।
यदि आपकी पर्यटन व तीर्थाटन में रुचि है तो आपको कैमूर पहाड़ पर मौजूद माँ मुंडेश्वरी धाम की यात्रा एक बार अवश्य करनी चाहिए। पहाड़ की चढ़ाई, जंगल की सैर, प्राचीन स्मारक का भ्रमण और मां भवानी के दर्शन। यह सारे सुख एक साथ मिलते हैं यहां की यात्रा में। शायद यही कारण है कि पहाड़ के ऊपर बने इस इस सुंदर मंदिर में जो एक बार आता है, वह बार-बार आना चाहता है।
बिहार प्रांत के कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड में मौजूद यह प्राचीन मंदिर पुरातात्विक धरोहर ही नहीं, तीर्थाटन व पर्यटन का जीवंत केन्द्र भी है। इसे कब और किसने बनाया दावे के साथ कहना मुश्किल है। लेकिन इसमें दो राय नहीं कि यह देश के सर्वाधिक प्राचीन व सुंदर मंदिरों में एक है।
कैमूर पर्वत की पवरा पहाड़ी पर 608 फीट की उंचाई पर स्थित इस मंदिर से मिले एक शिलालेख से पता चलता है कि 635 ई. में यह निश्चित रूप से विद्यमान था। हाल के शोधों के आधार पर तो अब इसे देश का प्राचीनतम मंदिर माना जाने लगा है।








Users Today : 6
Users Yesterday : 28