कस्तूरबा की बेटियों की उपलब्धियों को मिलेगा सम्मान, विद्यालयों के डिस्प्ले बोर्ड पर दर्ज होंगे नाम
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में शुरू हुई प्रेरक पहल
हर वर्ष अपडेट होंगे बोर्ड, भावी पीढ़ियों के लिए बनेंगी प्रेरणा की मिसाल
बालिकाओं की उपलब्धियों की मेहनत का सम्मान और भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरक होगा निर्णय: संदीप सिंह
केजीबीवी में अध्ययनरत बालिकाओं को उनके पूर्ववर्ती साथियों की उपलब्धियों से प्रेरित करना है उद्देश्य: मोनिका रानी
लखनऊ, 10 नवम्बर।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के मार्गदर्शन और नेतृत्व में प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (KGBV) में एक प्रेरक पहल शुरू की गई है। अब उन बालिकाओं के नाम विद्यालयों के डिस्प्ले बोर्ड पर अंकित किए जाएंगे, जिन्होंने अपने परिश्रम, लगन और प्रतिभा के बल पर समाज में विशेष स्थान अर्जित किया है। यह कदम बेटियों के आत्मबल, सम्मान और नई पीढ़ी को प्रेरणा देने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। साथ ही, अन्य छात्राओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकेंगी।
सफलता की कहानी बताएंगे बोर्ड
राज्य परियोजना कार्यालय (बेसिक) द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक कस्तूरबा विद्यालय में इस पहल के तहत बोर्ड पर ऐसी छात्राओं के नाम दर्ज किए जाएंगे, जिन्होंने शिक्षा, खेल, कला, समाज सेवा या अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की हो। बोर्ड पर छात्रा का नाम, विद्यालय में अध्ययन अवधि और उसकी उपलब्धि का विवरण अंकित रहेगा। हर वर्ष इन बोर्डों को अद्यतन किया जाएगा ताकि विद्यालय की दीवारें अपनी पूर्ववर्ती बालिकाओं की सफलता की कहानी कहती रहें।
संयुक्त समिति की संस्तुति पर किया जा रहा अमल
यह पहल उत्तर प्रदेश विधान मण्डल की महिला एवं बाल विकास सम्बन्धी संयुक्त समिति की संस्तुति पर अमल में लाई जा रही है। समिति ने वाराणसी, चन्दौली, जौनपुर और कानपुर जिलों के स्थलीय निरीक्षण के उपरांत अपने 23वें प्रतिवेदन में अनुशंसा की थी कि इन विद्यालयों से निकलने वाली विशिष्ट छात्राओं के नाम विद्यालय परिसर में प्रदर्शित किए जाएं।
बालिकाओं की हर उपलब्धि बनेगी समाज के लिए प्रेरणा
संदीप सिंह के नेतृत्व और दूरदर्शी दृष्टिकोण से प्रारंभ हुई यह पहल न केवल बालिकाओं के परिश्रम का सम्मान है, बल्कि उन्हें यह संदेश भी देती है कि उनकी हर उपलब्धि समाज के लिए प्रेरणा बनेगी।
यह पहल “कस्तूरबा से करियर तक” की यात्रा को उजागर करती है — जहां शिक्षा, आत्मविश्वास और संकल्प से बेटियां अपने सपनों को साकार कर रही हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य है कि वर्तमान में अध्ययनरत बालिकाएं अपनी पूर्व छात्राओं की सफलता से प्रेरणा लें और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हों।
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की छात्राएं हमारी शक्ति और प्रेरणा हैं। इन विद्यालयों से निकली हुई बालिकाओं ने अपने परिश्रम और आत्मविश्वास से समाज में विशिष्ट पहचान बनाई है। अब उनकी उपलब्धियों को विद्यालयों के डिस्प्ले बोर्ड पर अंकित किया जाएगा, ताकि हर बेटी को यह महसूस हो कि उसकी मेहनत का सम्मान होता है और उसका नाम आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
-संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार








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