पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के फेसबुक वाल से
इजरायल के सर्जिकल स्ट्राइक पर विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ की प्रतिक्रिया के साथ पडोसी पाकिस्तान को सन्देश
कल हम जब बात कर रहे थे अमेरिका पाकिस्तान को क्यों इतना सम्मान दे रहा । आज जो भी हुआ जिस तरह इजरायल ने सर्जिकल स्ट्राइक किए ईरान पर। अब आपको समझ आ चुका होगा।
ईरान लम्बे समय से न्यूक्लियर पावर बनने के सपने देख रहा। ईरान को टेक्नोलॉजी बेचने वाले भी ये पाकिस्तान के कुछ नमूने हैं। लेकिन ये बात इजरायल के अस्तित्व के लिए खतरा है। ईरान में जो सरकार है वो एक दम कट्टर इस्लामी समर्थक हैं। अली खेमानी जो वहां का शासक है वो पूरी तरह से इस्लाम के कट्टर पंथ की विचार धारा को समर्थन देते हैं। मिडिल वेस्ट में जितने भी आतंकवादी के घटना होती इन सबको ईरान का समर्थन होता है। और क़तर जैस देश उन सब संगठनों को अपने घर पनाह देता है।
इजरायल कैसे बना इसका इतिहास सभी जानते हैं और इजरायल के लिए ये उसकी अस्तित्व की लड़ाई है।
अमेरिका क्यों इजरायल को सपोर्ट करता है इसका भी एक कारण है। अमेरिका में एक बहुत बड़ा यहूदी वर्ग है जो अमेरिका के आर्थिक तौर पर सम्पन्न बनें में सहायक है। अमेरिका का जो दुनिया को कह रहा वो इजरायल के आज के हमले को नहीं जनता उसे नहीं पता था इजरायल आज स्ट्राइक करेगा ईरान पर ये बड़ा झूठ है। अमेरिका को ये बात अच्छे से पता है।
अमेरिका की ईरान में एक ही कारण है वहां के संसाधन को अमेरिका के अनुसार उपयोग करना और इजरायल की लड़ाई आतंकवाद और खुद के अस्तित्व को लेकर है।
अगर ईरान परमाणु शक्ति सम्पन्न बन जाता है तो फिर आतंकवाद का विस्तार होगा और गलत हाथों में परमाणु चला जाएगा जिस कारण ईरान जब चाहे इजरायल को अपने अनुसार समझौते पर मजबूर करेगा। जो इजरायल कभी नहीं चाहेगा।
इसलिए ये झगड़ा हो रहा है। अमेरिका ने एक गैरजिम्मेदार देश को परमाणु देकर और अपने हथियार वहां रख खुद ही इसका कारण है जिसके कारण आज नॉर्थ कोरिया हमेशा के लिए साउथ कोरिया,जापान के लिए बड़ी समस्या बन चुका है।
जब अमेरिका ने अपने हित के लिए पाकिस्तान को परमाणु हथियार सौंपा तो उसका वही गुलाम प्यादा नॉर्थ कोरिया और कुछ अन्य देश को परमाणु हथियार बनाने की तकनीक कुछ देश को बेच दी।
आप आप सभी जानते ये इस्लाम विचार धारा के लोग के हाथ में अगर परमाणु शक्ति आ जाए तो विश्व का क्या हाल होगा।
जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ था तो नूर खान एयरबेस में कुछ अमेरिकन भी मौजूद थे जब भारत ने नूर खान एयरबेस पर ब्रह्मोस मारी थी। वो अमेरिकन कर क्या रहे थे वहां पर। उन सबका टारगेट तेहरान ही था।
अब आप ये सोच रहे होगे ईरान क्या बिगड़ लेगा अमेरिका का वो तो अमेरिका जैसा ताकतवर भी नहीं। लेकिन ईरान पर अमेरिका ने १९८० से बहुत से आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं। फिर भी ईरान अमेरिका की बड़ी समस्या है।
अमेरिका पाकिस्तान की तारीफ इसलिए कर रहा क्यूंकि उसे एक दलाल चाहिए जो पाकिस्तान से अच्छा कोई नहीं।
कुछ दिन बाद आपको यही पाकिस्तान ईरान में स्ट्राइक करते नजर आएंगे। ये जो पाकिस्तान पंजाबी कहते है न आसी मुसलमान और तुजशी मुसलमान के भाई चारा देते हैं। वास्तविकता में इस्लाम में कोई भाई चारा नहीं। ये देश खुद मअपने देश मेंमुस्लिम घुसपैठियों को जगह भी नहीं देते हैं।
आज आप याद रखें कल पाकिस्तान ईरान के पीठ में खंजर उतरेगा । क्योंकि दलाल का इमान पैसा होता है।
आपको क्या लगता है ये जो पूरे अरब देश और पाकिस्तान भारत को क्या इस्लामिक मुल्क बनाना चाहते हैं। इसके पीछे एक ही कारण है एक कट्टर इस्लामिक मुल्क जो परमाणु सम्पन्न हो।
पाकिस्तान के पास खुद का तो परमाणु हथियार है ही नहीं वो तो अमेरिका के टुकड़े पल रहा। अमेरिका काफी लम्बे समय से चाहता था कि पाकिस्तान और भारत उनके इशारों पर चले लेकिन अमेरिका असफल रहा भारत में कांग्रेस के पतन के कारण। जो लोगों लगता है इंदिरा गांधी की मदद USSR ने की थी तो इंदिरा गांधी ने भी ussr की समाजबाद की विचार धारा को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
विश्व राजनीति में कोई भी देश आपका सगा नहीं है ये बात हमेशा याद रखे। सब अपना हित देखते हैं।
वो अटल जी थे जिन्होंने भारत को परमाणु सम्पन्न बना कर एक स्वर्णिम भारत की नींव रखी। आप १० साल देख ले कॉन्ग्रेस के अटल जी के बाद आपकी सेना के लिए इनसे एक राफेल तक नहीं खरीदा गया। आज वभी सेना है जो खुद को आधुनिक बना रही साथ में हथियार बेच रही ।
लिखने को फिलहाल बहुत कुछ है लेकिन फिर कभी लिखेंगे।
पुराण संस्कृति की कलम से।
