गढ़मुक्तेश्वर और तिगरी मेले की तैयारियों का मुख्यमंत्री योगी ने लिया जायजा
गढ़मुक्तेश्वर मेला बनेगा श्रद्धा, अनुशासन और स्वच्छता का प्रतीक: मुख्यमंत्री
मिनी कुम्भ के रूप में आयोजित होगा गढ़मुक्तेश्वर मेला, सुरक्षा और सुविधा के होंगे पुख्ता इंतजाम
40 से 45 लाख श्रद्धालु होंगे शामिल, सीएम ने दिए समयबद्ध तैयारियों के निर्देश
एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की तैनाती, सीसीटीवी निगरानी और रेस्क्यू बोट की व्यवस्था सुनिश्चित
सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध, गंगा तटों पर होगी सफाई और कचरा संग्रह व्यवस्था
गढ़मुक्तेश्वर की धार्मिक परंपरा फिर होगी जीवंत, जुटेंगे लाखों श्रद्धालु, सरकार ने की व्यापक तैयारी
आस्था और संस्कृति का संगम बनेगा गढ़मुक्तेश्वर मेला, लोककलाओं से सजेगा आयोजन
रासलीला/कृष्णलीला और लोकगायन से गुंजेगा गढ़मुक्तेश्वर, मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
सीएम योगी का भीड़ प्रबंधन पर विशेष जोर, बोले- श्रद्धालुओं की सुरक्षा पहली प्राथमिकता
सीएम ने पशुपालन विभाग को दिया निर्देशः गढ़ गंगा मेले में पशु मेला भी लगता है, पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में हरा चारा, भूसा आदि रहे उपलब्ध
सीएम योगी ने किया गंगा पूजन, सदर बाजार का किया अवलोकन
30 अक्टूबर से पांच नवंबर तक चलेगा मेला

लखनऊ/गढ़मुक्तेश्वर, 26 अक्टूबरः
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को हापुड़ जनपद के गढ़मुक्तेश्वर में लगने वाले वार्षिक कार्तिक पूर्णिमा मेले और अमरोहा के तिगरी मेले की तैयारियों का निरीक्षण किया और सभी संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मेला स्थल का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि इस पावन अवसर पर हर वर्ष लगभग 40 से 45 लाख श्रद्धालु गंगा तट पर स्नान और दीपदान के लिए पहुँचते हैं, इसलिए सभी व्यवस्थाएँ समयबद्ध और समन्वित हों ताकि किसी को असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने यातायात, सुरक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य, पेयजल और प्रकाश व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। बता दें कि इस वर्ष 30 अक्टूबर से पांच नवंबर तक चलने वाले इस मेले को ‘मिनी कुंभ’ के रूप में आयोजित करने की योजना बनाई गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। गंगा घाटों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती, सीसीटीवी व ड्रोन निगरानी, रेस्क्यू बोट और हेल्पलाइन सेंटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मेले को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के संदेश से जोड़ा जाए तथा एकल-उपयोग प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि घाटों पर पर्याप्त चेकर प्लेट लगाई जाएं, पैंटून ब्रिज की व्यवहार्यता का परीक्षण किया जाए और कटान क्षेत्रों में सिंचाई विभाग द्वारा ड्रेजिंग कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए।
उन्होंने कहा कि मेले के दौरान गहराई वाले जल क्षेत्रों में एनडीआरएफ/एसडीआरएफ और फ्लड यूनिट लगातार सतर्क रहें और आवश्यक बैरिकेडिंग की जाए। श्रद्धालुओं को अनुशासित व्यवहार हेतु प्रेरित करने के लिए काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएं। पूरे मेले क्षेत्र में सीसीटीवी, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर की सतत निगरानी सक्रिय रहे। पार्किंग स्थलों पर वाहनों की सुरक्षा, प्रसारण व्यवस्था और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अस्थायी शौचालयों में ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज की प्रणाली लागू की जाए और किसी भी प्रकार की लीकेज को रोका जाए। घाटों पर भीड़ नियमन, चेंजिंग रूम, स्वच्छ शौचालय, सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध, और कचरा एवं बोतल संग्रहण प्रणाली को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने विद्युत विभाग को निर्बाध बिजली आपूर्ति और सभी स्थलों पर इलेक्ट्रिक सेफ्टी का ध्यान रखने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले में आकर्षक सजावट की जाए तथा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु होर्डिंग्स लगाई जाएं। साथ ही फायर सेफ्टी सिस्टम, अस्थायी अस्पताल, एंटी-स्नेक वैनम और एंटी-रेबीज़ वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जल में स्नान के दौरान पुलिस और एनडीआरएफ की पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए, और 20 से 25 किलोमीटर के दायरे में यातायात डायवर्जन योजना प्रभावी रूप से लागू की जाए ताकि किसी प्रकार का जाम न लगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि श्रद्धालुओं से कोई अतिरिक्त शुल्क न वसूला जाए और पशुओं के चारे तथा भोजन-पेयजल की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ड्यूटी पर तैनात स्वयंसेवकों के खान-पान की उचित व्यवस्था की जाए और सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें, ताकि गढ़मुक्तेश्वर का यह ऐतिहासिक मेला न केवल आस्था का केंद्र बने, बल्कि व्यवस्था, स्वच्छता और अनुशासन का आदर्श उदाहरण भी प्रस्तुत करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़मुक्तेश्वर का यह आयोजन उत्तर प्रदेश की आस्था, अध्यात्म और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है। सरकार का लक्ष्य है कि यह मेला श्रद्धा, अनुशासन और स्वच्छता के साथ सम्पन्न हो, ताकि हर आगंतुक इस पावन तीर्थ से शांति और आशीर्वाद लेकर लौटे।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने मेला क्षेत्र में गंगा पूजन किया फिर गढ़ मेला क्षेत्र में स्थापित सदर बाजार का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने गढ़ मुक्तेश्वर में बनाए जा रहे मोढ़े के स्टोर का भी अवलोकन किया और मोढ़े की क्वालिटी की प्रशंसा की।
मालूम हो कि गढ़मुक्तेश्वर का धार्मिक और पौराणिक महत्व अत्यंत प्राचीन है। मान्यता है कि महाभारत के युद्ध के बाद युधिष्ठिर, अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहीं गंगा में स्नान किया था। यही वह स्थान है जहाँ भगवान परशुराम ने मुक्तेश्वर महादेव की स्थापना की थी। स्कंद पुराण और महाभारत में गढ़मुक्तेश्वर का उल्लेख एक ऐसे तीर्थ के रूप में मिलता है, जहाँ गंगा स्नान और तर्पण से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहाँ का कार्तिक पूर्णिमा मेला केवल धार्मिक आस्था का नहीं, बल्कि सांस्कृतिक परंपरा और लोक जीवन का भी प्रतीक है। ब्रिजघाट और मुक्तेश्वर घाट पर हर वर्ष लाखों श्रद्धालु स्नान, दीपदान और पितृ-तर्पण के लिए पहुँचते हैं।
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[13:37, 26/10/2025] Cm Sir Media: अब यूपी के लोगों को इलाज के लिए दिल्ली में नहीं भटकना होगाः सीएम योगी
गाजियाबाद में यशोदा मेडिसिटी के लोकार्पण समारोह में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
कहा – यह केवल अस्पताल नहीं, बल्कि वर्ल्ड क्लास हेल्थकेयर की नई परिभाषा है
स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ निवेश और रोजगार का भी माध्यम बन रहा है यह अस्पतालः सीएम
एक ही छत के नीचे 5000 से अधिक लोगों को एक साथ मिलेगा रोजगारः मुख्यमंत्री
हर नागरिक को उत्तम स्वास्थ्य सुविधा दिलाना डबल इंजन सरकार का लक्ष्यः योगी आदित्यनाथ
गाजियाबाद, 26 अक्टूबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को गाजियाबाद में यशोदा मेडिसिटी के लोकार्पण समारोह में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश, नवाचार और गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं की दिशा में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में स्थापित यशोदा मेडिसिटी इसका सशक्त उदाहरण है। यह केवल एक अस्पताल नहीं, बल्कि वर्ल्ड क्लास हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर की नई परिभाषा है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के माध्यम से न केवल एनसीआर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के नागरिकों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं एक ही छत के नीचे प्राप्त होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को अब दिल्ली में महंगे इलाज के लिए भटकने की जरूरत नहीं, क्योंकि गाजियाबाद में ही वर्ल्ड क्लास हेल्थकेयर उपलब्ध हो गया है।
इनवेस्टमेंट भी और रोजगार का माध्यम भी
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में जब उत्तर प्रदेश में थर्ड ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित हुई थी, उस समय डॉक्टर पीएन अरोड़ा ने इन्वेस्ट यूपी के साथ एमओयू किया था कि गाजियाबाद में यशोदा मेडिसिटी के नाम से अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण करेंगे। इसमें सभी प्रकार की सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं होंगी और विशेष रूप से कैंसर की अत्याधुनिक सुविधा भी, जिसके लिए पहले लोगों को विदेश जाना पड़ता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि तब यह विश्वास नहीं होता था कि इतनी जल्दी यह संभव होगा, लेकिन डॉक्टर पी.एन. अरोड़ा, डॉक्टर उपासना अरोड़ा और उनकी पूरी टीम ने मात्र तीन वर्षों में इसे साकार कर दिखाया। यह इन्वेस्टमेंट भी है और 5000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार का माध्यम भी। इस अस्पताल में डॉक्टर, पैरामेडिक्स, नर्सिंग स्टाफ और अन्य हेल्थकेयर से जुड़े 5000 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन वर्षों में यह जो काम हुआ है वह उत्तर प्रदेश के बदलते निवेश माहौल और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की शक्ति को दर्शाता है।
प्रदेश में स्थापित हुए 42 नए मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले 11 वर्षों में हेल्थ सेक्टर में ऐतिहासिक सुधार किए हैं। उत्तर प्रदेश ने भी इस दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य में अब तक 42 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि दो एम्स (गोरखपुर और रायबरेली) सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मिले और हेल्थकेयर में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकसित हो। योगी आदित्यनाथ ने भारतीय दर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय मनीषा कहती है कि“शरीरं माध्यमं खलु धर्मसाधनम्” यानी जीवन के सभी उद्देश्यों की पूर्ति एक स्वस्थ शरीर से ही संभव है। उन्होंने कहा कि यशोदा मेडिसिटी इसी भावना को मूर्त रूप देती है। यहां कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जो अब तक केवल विकसित देशों में ही मिलती थीं।
प्रदेश और एनसीआर के नागरिकों के लिए हेल्थकेयर को मिली नई दिशा
मुख्यमंत्री ने डॉक्टर पी.एन. अरोड़ा, डॉक्टर उपासना अरोड़ा और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश और एनसीआर के नागरिकों के लिए हेल्थकेयर की नई दिशा तय की है। उन्होंने कहा कि डॉ. अरोड़ा का व्यवहार, सेवा भावना और प्रतिबद्धता उन्हें विशिष्ट बनाती है। वे हर जरूरतमंद का इलाज सुनिश्चित करते हैं, चाहे आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि यशोदा मेडिसिटी जैसे प्रोजेक्ट न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार कर रहे हैं, बल्कि रोजगार और विश्वास का नया अध्याय भी लिख रहे हैं। यह अस्पताल उत्तर प्रदेश की उस नई सोच का प्रतीक है, जो स्वास्थ्य, निवेश और सेवा को एक सूत्र में जोड़ती है।
राष्ट्रपति जी का जीवन देश के लिए प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का प्रदेश सरकार की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रपति जी का मार्गदर्शन हम सबके लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी ने शून्य से शिखर तक की यात्रा कैसे की जाती है, यह अपने विराट व्यक्तित्व और कृतित्व से देश की 140 करोड़ आबादी, विशेषकर आधी आबादी के सामने प्रेरणा का स्रोत बनकर दिखाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ जैसे पर्व की पूर्व संध्या पर आयोजित इस पावन अवसर पर वे राष्ट्रपति जी का अभिनंदन करते हैं। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भी स्वागत करते हुए कहा कि वे उत्तर प्रदेश के विकास से संबंधित हर मुद्दे पर सहज भाव से मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, यशोदा मेडिसिटी के अध्यक्ष और एमडी डॉ. पीएन अरोड़ा और डॉ उपासना अरोड़ा उपस्थित रहीं।








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