December 4, 2025 3:12 pm

Home » liveup » कुर्सी खो चुके “सपनों के सौदागर” जनता को गुमराह करने के लिए कर रहे चुनाव आयोग पर हमलाः स्वतंत्र देव सिंह

कुर्सी खो चुके “सपनों के सौदागर” जनता को गुमराह करने के लिए कर रहे चुनाव आयोग पर हमलाः स्वतंत्र देव सिंह

कुर्सी खो चुके “सपनों के सौदागर” जनता को गुमराह करने के लिए कर रहे चुनाव आयोग पर हमलाः स्वतंत्र देव सिंह

चुनाव आयोग पर सपा अध्यक्ष के आरोपों पर योगी के मंत्री का पलटवार

कहाः अखिलेश यादव लोकतंत्र के मसीहा नहीं, सपा के गुंडा-राज के वारिस

लोकतंत्र की चिंता नहीं, कुर्सी की चिंता अखिलेश को ज्यादा हैः स्वतंत्र देव सिंह

सोशल मीडिया पर लोकतंत्र बचाने वाले अखिलेश, जमीनी हकीकत में सिर्फ़ गुंडाराज छोड़ गएः मंत्री

हताश राजकुमार अब चुनाव आयोग पर हमला कर अपनी डूबती नैया बचाना चाहते हैं

जनता सब जानती है—सपा का मतलब गुंडा-राज और भाजपा का मतलब सुशासन

 

लखनऊ, 17 अगस्त। उत्तर प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि सोशल मीडिया वाले नेता लगातार हार से हताश हो चुके हैं। हार से बौखलाए “कुर्सी खो चुके सपनों के सौदागर” अब जनता को गुमराह करने के लिए चुनाव आयोग पर हमला कर रहे हैं। लोकतंत्र की दुहाई देने वाले अखिलेश यादव पहले अपनी पार्टी और शासनकाल का दागदार इतिहास साफ करें तो ज्यादा बेहतर होगा। लोग भूले नहीं हैं।

गुंडाराज के वारिस हैं अखिलेश
चुनाव आयोग पर अखिलेश के आरोपों के जवाब में स्वतंत्र देव सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश यादव लोकतंत्र के मसीहा नहीं, सपा के गुंडा-राज के वारिस हैं। उन्हें लोकतंत्र की चिंता नहीं, कुर्सी की चिंता ज्यादा है। जनता सब जानती है—सपा का मतलब गुंडा-राज और भाजपा का मतलब सुशासन। हताश राजकुमार अब आयोग पर उंगली उठाकर अपनी डूबती नैया बचाना चाहते हैं। चुनाव आयोग पर अपनी हार का ठीकरा फोड़ के वह यह दिखाना चाहते हैं कि वह जनता के नेता हैं, जबकि असलियत यह है कि वह जनता का भरोसा कब का खो चुके हैं।

बूथ कैप्चरिंग सपा का इतिहास और हकीकत
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सपा का इतिहास बूथ कैप्चरिंग, मतदाता सूची में हेरफेर और चुनावी हिंसा से भरा पड़ा है। 2012 से 2017 तक यूपी में लोकतंत्र नहीं, बल्कि गुंडा-राज चला। 2009 में मैनपुरी चुनाव के दौरान एक बड़े सपा नेता की मौजूदगी में बूथ पर पुलिस पर हमला हुआ, लेकिन एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई। यही सपा का असली चेहरा है—क्या अखिलेश वही युग वापस लाना चाहते हैं?

झूठे और निराधार हैं आरोप
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के आरोप पूरी तरह झूठे और निराधार हैं। चुनाव आयोग ने जांच की और कोई सबूत नहीं पाया। सपा को चुनाव आयोग बुलाती है तो वहां अपनी बात नहीं रखते। संसद में बात नहीं रखते। सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग पर सवाल उठाने वालों को फटकारा है। लेकिन सोशल मीडिया पर ये लोग सफेद झूठ परोसते हैं। असलियत यह है कि हार से बौखलाए अखिलेश अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए आयोग पर उंगली उठा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि आज चुनाव आयोग पूरी तरह स्वतंत्र और पारदर्शी ढंग से काम कर रहा है। वीवीपैट, डिजिटल प्लेटफॉर्म और कड़ी निगरानी जैसे सुधारों ने सपा की बूथ कैप्चरिंग की राजनीति को हमेशा के लिए बंद कर दिया है। यही कारण है कि अखिलेश यादव बेचैन हैं और आयोग को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।

सपा सरकार में अपराधी और बाहुबली चुनावी प्रक्रिया का थे हिस्सा
उन्होंने कहा कि सपा के राज में विधानसभा व पंचायत चुनावों के दौरान बूथ कैप्चरिंग, नकली वोटिंग और प्रशासन पर दबाव की घटनाएं आम थीं।उस दौर में कई जिलों में चुनावी हिंसा में मौतें और गंभीर झगड़े हुए। सपा सरकार में अपराधी और बाहुबली चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बने। माफिया सरगना खुलेआम मतदान केंद्रों पर कब्जा करते थे। लोगों के मताधिकार को छीना गया। उनकी चुनाव आयोग पर दबाव डालने की परंपरा रही है, ताकि वो सही से काम न कर सके। इसी तरह, प्रशासनिक अफसरों पर दबाव बनाकर मतदाता सूचियों में हेरफेर की शिकायतें भी आती रही हैं।

Liveupweb
Author: Liveupweb

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *