केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नेशनल डिफेंस एकेडमी, पुणे, महाराष्ट्र में श्रीमंत बाजीराव पेशवा ‘प्रथम’ की प्रतिमा का अनावरण किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ‘विकास भी, विरासत भी’ के सूत्र से हजारों वर्षों के योद्धाओं के इतिहास को युवाओं के सामने ला रहे हैं
पराजय को पूरे जीवन अपने नज़दीक न आने देने वाले बाजीराव पेशवा जी जैसे वीर योद्धा की प्रतिमा लगाने का सबसे उचित स्थान नेशनल डिफेंस एकेडमी ही है
NDA में स्थापित बाजीराव पेशवा जी की प्रतिमा से हमारे भविष्य के जवानों को जो प्रेरणा मिलेगी, उससे भारत की सीमाओं को कोई छूने का साहस नहीं कर पाएगा
स्वराज को बनाए रखने के लिए जो भी कदम उठाने की ज़रूरत पड़ेगी, हमारी सेनाएं और नेतृत्व उठाएंगे, ऑपरेशन सिंदूर इसका उदाहरण है
बिना रुके, बिना थके — जहां-जहां गुलामी की निशानी थी, उसे ध्वस्त कर स्वतंत्रता का दीप जलाने की शुरुआत श्रीमंत बाजीराव पेशवा जी ने की
बाजीराव पेशवा जी ने हर युद्ध मातृभूमि, धर्म व स्वराज के लिए लड़ा और एक ऐसा अमर इतिहास रचने का काम किया, जो आने वाली कई सदियों तक कोई और न रच पाए
छत्रपति शिवाजी महाराज जी ने अपने छोटे से जीवनकाल में न सिर्फ हिंदवी स्वराज की स्थापना करने का काम किया बल्कि युवाओं के मन में स्वराज के संस्कार भी भरे
अगर शिवाजी महाराज जी द्वारा शुरू की गई स्वतंत्रता की लड़ाई को पेशवाओं ने 100 साल तक न चलाया होता तो आज भारत का मूल स्वरूप ही न बचा होता
शिवाजी महाराज जी की कल्पना का भारत बनाने की ज़िम्मेदारी 140 करोड़ भारतीयों की है
