कलाबत्तू (जरी) उद्योग को वस्त्र उद्योग की श्रेणी में लाया जाय
काशी जरी कारीगर कल्याण समिति ने लखनऊ में मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन प्रदेश के कपड़ा मंत्री को सौंपा।
वाराणसी, 25 जुलाई। काशी जरी कारीगर कल्याण समिति, वाराणसी का एक प्रतिनिधि मण्डल विगत दिनों लखनऊ में प्रदेश स्टाम्प, न्यायालय एवं पंजीयन शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र राजयसवाल के साथ प्रदेश के कपड़ा मंत्री श्री राकेश सचान को मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपकर उनसे जरी उद्योग को वस्त्र उद्योग के सथ जोड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे जरी उद्योग के विकास को और गति मिलेगी।
ज्ञापन के माध्यम से प्रतिनिधि मण्डल ने कहा कि वाराणसी मण्डल में विगत 400 वर्षों से बनारसी ब्रोकेड का कार्य होता रहा है, परन्तु वर्तमान में कलाबत्तू निर्माण की प्रक्रिया अत्यधिक चलन में है। यह जरी का ही एक प्रकार है परन्तु अन्य प्रकारों से अलग यह धागा का रूप लिये रहता है। इसका निर्माण अत्यन्त पेचिदगियों से भरा एवं श्रमसाध्य है। वर्तमान में कलाबत्तू (जरी) ही बनारसी ब्रोकेड का प्रधान अंग है।

कलाबत्तू (जरी) उद्योग में हम निर्माण के अनेकों प्रक्रिया से गुजरते हैं जिसमें अलग-अलग तरह की मशीन और हाथ के कौशल की आवश्यकता पड़ती है। वर्तमान में सुविधा तकनीकी का ज्ञान एवं विकसित मशीनों के अभाव में यह उद्योग लगातार पिछड़ रहा है।
प्रतिनिधि मण्डल ने बताया कि वर्तमान में जरी उद्योग को अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम बुनकर विद्युत फ्लैट रेट योजना का लाभ मिल रहा है परन्तु मात्र विद्युत बिल में सब्सिडी हमारे उद्योग के विकास का कोई समाधान नहीं है।
प्रतिनिधि मण्डल में समिति के अध्यक्ष सर्वश्री श्याम सुन्दर जायसवाल, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश एवं महामंत्री अंजनी कुमार वर्मा आदि शामिल रहे।
अंजनी कुमार वर्मा








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