विजन 2047 : विकसित भारत में उत्तर प्रदेश की होगी बड़ी भूमिका : प्रमुख सचिव आईटी एंड इलेक्ट्रोनिक्सयोगी सरकार के “मिशन शक्ति” से महिलाओं का हो रहा है सशक्तिकरण
आय में वृद्धि और बढ़ते अवसर से महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा
सुरक्षा, कौशल और आत्मनिर्भरता से यूपी में महिला-नेतृत्व को बल

लखनऊ, 1 दिसंबर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। मिशन शक्ति उत्तर प्रदेश की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। इससे महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। उत्तर प्रदेश की महिलाएं राज्य में आर्थिक विकास, सामाजिक स्थिरता और सामुदायिक नेतृत्व की स्तंभ बनकर उभरी हैं।
महिलाओं को सुरक्षा, आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता
मिशन शक्ति महिलाओं के लिए सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित कर रहा है। सरकार की नीतियां महिलाओं को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने और अपने भविष्य को स्वयं आकार देने में सक्षम बना रही हैं। मिशन शक्ति के माध्यम से महिलाएं सफलता की कहानी लिख रही हैं। मिशन शक्ति से महिलाएं अपराधों के प्रति सजग हो रही हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही हैं।
मिशन शक्ति से महिलाओं को मिली ताकत
उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा बड़ा मुद्दा रहा है। 2017 के बाद मुख्यमंत्री ने अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई। इसका नतीजा ये रहा है कि प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ है। गुंडे और माफिया प्रदेश छोड़ चुके हैं। उत्तर प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 2020 में मिशन शक्ति लॉन्च हुआ। इसके बाद से महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आए। सीएम योगी की नीतियों से महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा को सुनिश्चित किया गया है। बेहतर पुलिसिंग, समर्पित हेल्पलाइन और त्वरित कार्रवाई तंत्र ने सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थलों और यहां तक कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिलाओं के बीच सुरक्षा की भावना पैदा की है। यह सुरक्षा का एहसास अब उनकी नई आकांक्षाओं, शिक्षा, उद्यमिता या सामुदायिक नेतृत्व की मजबूत नींव बनता जा रहा है।
आर्थिक सशक्तिकरण में मिशन शक्ति की अहम भूमिका
योगी सरकार ने सुशासन और सुरक्षा का जो माहौल बनाया है उससे महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण भी हुआ है। महिला स्वयं सहायता समूहों की आय कई गुना बढ़ी है, जो अधिक अवसरों और आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की अभूतपूर्व भागीदारी को दर्शाती है। जो महिला स्वयं सहायता समूह पहले छोटे बचत समूह या स्थानीय व्यापार तक सीमित थे, वे अब मजबूत वित्तीय इकाइयों में बदल रहे हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दे रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को विशेष लाभ
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए मिशन शक्ति वरदान साबित हुआ है। ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं। बीसी सखी योजना ने महिलाओं को सम्मानजनक रोजगार दिया है। हजारों बीसी सखियां गांवों में घर-घर जाकर बैंकिंग सेवाएं दे रही हैं। इससे हजारों ग्रामीण परिवारों को समय पर लेनदेन, सरकारी लाभ और वित्तीय साक्षरता की सुविधा मिल रही है। ये महिलाएं अब वित्तीय सहयोगी ही नहीं, बल्कि अपने समुदायों में रोल मॉडल बन चुकी हैं।
श्रम क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी में इजाफा
योगी सरकार की नीतियों की वजह से उत्तर प्रदेश में महिलाओं की श्रम भागीदारी 2017 के 14% से बढ़कर 2023-24 में 36% हो गई है। वुमन इकोनॉमिक एम्पावरमेंट (WEE) इंडेक्स रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि महिलाएं पहले से बेहतर माहौल में काम कर रही हैं।
ODOP योजना से महिलाओं का स्वावलंबन
योगी सरकार की ODOP योजना ने भी महिलाओं के लिए व्यापक रोजगार अवसर खोले हैं। इससे हस्तशिल्प, हैंडलूम, फूड प्रोसेसिंग और पारंपरिक कलाओं की ब्रांडिंग के साथ मार्केटिंग भी हो रही है। महिला कारीगरों और उद्यमियों को अब नए बाजार, बेहतर ब्रांडिंग और आय के बेहतर अवसर मिल रहे हैं। ओडीओपी हर पारंपरिक कौशल को आधुनिक मंच से जोड़ता है। चाहे वह चिकनकारी का बारीक काम हो या मिट्टी के बर्तनों की कला, ताकि महिलाओं की प्रतिभा को राष्ट्रीय और वैश्विक बाजारों से जोड़ा जा सके।
महिलाओं के लिए मिशन शक्ति ने लिखा नया अध्याय
कुल मिलाकर मिशन शक्ति महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। महिलाएं अब शक्तिशाली होकर निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। महिलाएं अब आश्रित नहीं बल्कि निर्णायक हैं। उपेक्षित नहीं बल्कि परिवर्तन की अगुवाई करती हैं। योगी सरकार का सशक्तिकरण मॉडल केवल कल्याण नहीं, बल्कि दीर्घकालिक क्षमता निर्माण, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था में सार्थक भागीदारी पर केंद्रित है। उत्तर प्रदेश की महिलाएं प्रभावी शासन, समावेशी नीतियां और सुरक्षा प्रतिबद्धता से क्रांतिकारी भूमिका में हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मिशन शक्ति महिलाओं के सशक्तिकरण में महती भूमिका निभा रहा है।
यूपी को टेक्नोलॉजी ड्रिवन अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर स्टेकहोल्डर के साथ मंथन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से किसान से लेकर शहरी स्टार्टअप और सरकारी कार्यप्रणाली तक में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को मिली गति
लखनऊ 1 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विकसित उत्तर प्रदेश 2047 के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की मजबूत डिजिटल बुनियाद तैयार की जा रही है। सोमवार को लखनऊ स्थित होटल द सेंट्रम में स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन बैठक में प्रदेश सरकार और निजी क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों के बीच भविष्य की रणनीतियों पर व्यापक चर्चा हुई। इस मौके पर आईटी एंड इलेक्ट्रोनिक्स विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग यादव ने कहा कि 2047 के विकसित भारत में उत्तर प्रदेश की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस बैठक में प्राप्त मुख्य सुझावों के आधार पर सरकार अपनी प्राथमिकताओं को तय करेगी। उत्तर प्रदेश अब डिजिटल आधारित शासन व्यवस्था और टेक्नोलॉजी ड्रिवन अर्थव्यवस्था की ओर तेज गति से बढ़ रहा है।
बैठक में सबसे पहले डिजिटल कृषि और ग्रामीण सशक्तिकरण पर जोर देते हुए विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि किसानों के लिए एकीकृत डिजिटल इकोसिस्टम विकसित किया जाए। जिससे उन्हें बाजार की जानकारी, वित्तीय सहायता और कृषि परामर्श आसानी से उपलब्ध हो सके। टेक आधारित लॉजिस्टिक और ट्रेसिंग सिस्टम से कृषि आपूर्ति श्रृंखला में होने वाली बर्बादी कम होगी और इससे किसानों की आय बढ़ेगी। साथ ही ग्रामीण इंटरनेट और डिजिटल सुविधाओं को मजबूत करते हुए कृषि तकनीकों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया। योगी सरकार की ग्रामीण विकास और डिजिटल इंडिया के सिद्धांतों को जोड़ने की यह मंशा प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देगी।
एमएसएमई के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को प्रदेश की आर्थिक रीढ़ मानते हुए इसे राज्यव्यापी स्तर पर बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा हुई। प्रदेश सरकार ने पहले ही कई अवसर प्रदान किए हैं और अब इसे और सशक्त बनाने के लिए डिजिटल टूल्स प्रशिक्षण और सरल डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने की दिशा में तेज कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। बैठक में राज्य स्तरीय मार्केट लिंकेज प्लेटफॉर्म बनाने का सुझाव दिया गया जिससे यूपी के उत्पाद वैश्विक बाजारों तक पहुंच सकें। साथ ही औद्योगिक क्लस्टर के लिए मांग पूर्वानुमान प्रणाली स्थापित करने का सुझाव भी दिया गया जिससे उत्पादन की योजना अधिक वैज्ञानिक और सटीक हो सके।
नीतिगत स्तर पर प्रदेश सरकार की सशक्त योजनाओं क्रियान्वयन की गति और तेज करने पर भी चर्चा हुई ।
डाटा सेंटर्स, आईटी सिटी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में हाल ही में आए लगभग 500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों का स्वागत करते हुए बैठक में वैश्विक स्तर के टेक एंकरों को आकर्षित करने के लिए शहरी सुविधाओं और जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर भी चर्चा हुई। पर्यावरण हितैषी ढांचे के विकास पर बल देते हुए यह सुनिश्चित करने की बात हुई कि विकास के साथ हरित तकनीकों का उपयोग भी अग्रणी भूमिका में हो।
युवा शक्ति और प्रतिभा निर्माण पर सरकार का विशेष ध्यान रहा है और इसी दिशा में डिजिटल शिक्षा को प्रदेश के हर स्कूल में अनिवार्य बनाने की सिफारिश सामने आई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और उभरती तकनीकों से संबंधित कौशल विकास केंद्रों का विस्तार किया जाएगा। आईआईटी बीएचयू और विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों को डीप टेक प्रतिभा निर्माण के केंद्र के रूप में सशक्त बनाने का सुझाव भी दिया गया।
स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई उड़ान देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के नेतृत्व में स्टार्टअप उत्पादों के लिए बाजार सुविधाएं उपलब्ध कराने और सरकारी खरीद में इनोवेटिव कंपनियों को विशेष प्रावधान देने का प्रस्ताव भी शामिल रहा। साथ ही नवाचार और शोध प्रयोगशालाओं का बेहतर उपयोग करते हुए पेटेंट और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर जोर दिया गया। इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के संबंध में भी विशेषज्ञों ने चर्चा की। बैठक में शामिल विशेषज्ञों ने योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रौद्योगिकी केंद्रित सोच की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विकसित भारत के पथ पर डिजिटल नेतृत्व प्रदान करने के लिए तैयार है।
तीन शक्तियों पर केंद्रित है डिजिटल प्रदेश की परिकल्पना
उत्तर प्रदेश को डिजिटल प्रदेश बनाने की परिकल्पना तीन मुख्य शक्तियों पर केंद्रित है। पहली अर्थ शक्ति है। इसके अंतर्गत कृषि, निर्माण, पर्यटन और अन्य मुख्य क्षेत्रों में आर्थिक परिवर्तन को गति देने का लक्ष्य रखा गया है। दूसरी सृजन शक्ति है, इसके माध्यम से भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर और हरित इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करते हुए नगरीय विकास, लॉजिस्टिक्स, उपयोगिताओं और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सतत उच्च विकास की नींव तैयार की जा रही है। वहीं जीवन शक्ति का केंद्र राज्य की जनता है जहां स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, लैंगिक सशक्तिकरण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के माध्यम से नागरिकों के जीवन स्तर को समृद्ध बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। विजन 2047 इस बात पर स्पष्ट जोर देता है कि तकनीक और डिजिटल इनोवेशन के बल पर शासन व्यवस्था और आर्थिक ढांचे में दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। जिससे उत्तर प्रदेश नए भारत के विकास मॉडल में अग्रणी भूमिका निभा सके।
विजन 2047 पर विशेषज्ञों से मागें परामर्श
विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047 की स्टेकहोल्डर बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने उपस्थित प्रतिभागियों से अपील किया कि वह सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टार्टअप और अन्य क्षेत्रों में प्रदेश सरकार और अधिक प्रभावी कदम उठा सके इससे संबंधित अपने सुझाव और फीडबैक साझा करें। इस महत्वपूर्ण बैठक में आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव अनुराग यादव, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के प्रमुख सचिव पंधारी यादव और नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार भी शामिल रहे। बैठक के दौरान इन वरिष्ठ अधिकारियों ने आईटी कंपनियों, स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी आधारित उद्योगों के प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का विस्तार से उत्तर दिया और उनकी ओर से आए विभिन्न सुझावों पर सकारात्मक चर्चा हुई। प्रतिनिधियों से यह भी अनुरोध किया गया कि वे अपने सुझावों को विस्तृत रूप में लिखित ड्राफ्ट के रूप में प्रस्तुत करें ताकि उन पर विधिवत विचार कर प्रदेश सरकार उन्हें क्रियान्वित करने के लिए सर्वोत्तम निर्णय ले सके। इस अवसर पर नीति आयोग से रमा सहित कई अन्य विशिष्ट लोग उपस्थित रहे।
1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य
2017 में उत्तर प्रदेश की कुल अर्थव्यवस्था 14 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2025 में बढ़कर 30 लाख करोड़ रुपये हो गई है। सरकार का लक्ष्य 2029 तक उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। वहीं वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को 6 ट्रिलियन की इकोनॉमी के स्तर तक पहुंचना है।








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