July 13, 2025 10:15 pm

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गुलामी के प्रतीकों को मिटाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है ‘जेठ मेला’ पर प्रतिबंध : अनिल राजभर

गुलामी के प्रतीकों को मिटाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है ‘जेठ मेला’ पर प्रतिबंध : अनिल राजभर

– बहराइच में सालार मसूद गाजी की दरगाह पर आयोजित जेठ मेला पर योगी सरकार के प्रतिबंध पर हाईकोर्ट की मुहर के बाद बोले कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर

– कहा, जिस आक्रांता ने सोमनाथ मंदिर और बहराइच के सूर्य मंदिर को ध्वस्त किया उसके नाम पर मेला लगाना जनभावना के खिलाफ

– प्रधानमंत्री के पंचप्रण को एक-एक कर पूरा कर रही है योगी जी की सरकार : कैबिनेट मंत्री

 

– सैयद सालार मसूद एक आक्रांता था, जिसने सनातन संस्कृति पर हमला बोला : अनिल राजभर

– महाराजा सुहेलदेव के प्रति श्रद्धा रखने वाले लोगों की लंबे समय से थी मांग, बंद किया जाए आक्रांता के नाम पर मेले का आयोजन : अनिल राजभर

Gorakhpur, Nov 27 (ANI): Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath addresses the foundation stone laying ceremony of various development projects worth Rs 1,822 crores, at Sports College, in Gorakhpur on Sunday. (ANI Photo)

लखनऊ, 17 मई। योगी आदित्यनाथ सरकार ने बहराइच में आक्रांता सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले जेठ मेले पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी अपनी मुहर लगाई है। कोर्ट ने मेले के आयोजन को लेकर दाखिल जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई के बाद सरकार के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। योगी सरकार के इस कदम को कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने गुलामी के प्रतीकों को मिटाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताते हुए इसका स्वागत किया है।

 

उन्होंने कहा कि सालार मसूद गाजी, जिसने सोमनाथ मंदिर और बहराइच के सूर्य मंदिर को ध्वस्त किया था, जून 1034 में राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव राजभर के हाथों मारा गया था। इसके बावजूद, लंबे समय से बहराइच में सालार मसूद के नाम पर जेठ मेला आयोजित होता रहा, जिसे स्थानीय स्तर पर गाजी मियां के मेले के नाम से जाना जाता है। इस मेले को लेकर महाराजा सुहेलदेव के प्रति श्रद्धा रखने वाले लोगों और स्थानीय जनता की लंबे समय से मांग थी कि इसे बंद किया जाए।

कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि सैयद सालार मसूद एक आक्रांता था, जिसने सनातन संस्कृति पर हमला बोला और सोमनाथ मंदिर को लूटा। ऐसे आक्रांता को महिमामंडित करने वाले मेले का आयोजन जनभावनाओं के खिलाफ था। योगी सरकार ने इसे प्रतिबंधित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘पंचप्रण’ संकल्प को साकार किया है, जिसमें गुलामी के हर प्रतीक को मिटाने की बात कही गई है। मैं योगी सरकार और हाईकोर्ट के इस फैसले का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने यह भी बताया कि बदायूं में सालार मसूद के नाम पर लगने वाले मेले पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है। अब बहराइच में महीनों तक चलने वाले इस मेले को बंद करना सनातन संस्कृति की रक्षा और ऐतिहासिक अन्याय को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम है।

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Author: Liveupweb

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