December 5, 2025 6:42 am

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केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री तथा विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने ‘पर्यावरण एवं समृद्धि हेतु वानिकी’ विषय पर आधारित वृक्ष उत्पादक मेला को किया संबोधित।

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन  राज्य मंत्री  तथा विदेश राज्य मंत्री  कीर्तिवर्धन सिंह ने ‘पर्यावरण एवं समृद्धि हेतु वानिकी’ विषय पर आधारित वृक्ष उत्पादक मेला को किया संबोधित।

पेड़ केवल धरती की शोभा ही नहीं, बल्कि जीवन का आधार हैं:  केंद्रीय मंत्री  कीर्तिवर्धन सिंह।

भारत सरकार ने किसानों की समस्याओं को समझते हुए पेड़ों की कटाई और परिवहन संबंधी मानकों को आसान बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं: केंद्रीय मंत्री  कीर्तिवर्धन सिंह।

“एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के माध्यम से पौधरोपण को जनआंदोलन का रूप दिया है: केंद्रीय मंत्री  कीर्तिवर्धन सिंह।

 

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन  राज्य मंत्री  तथा विदेश राज्य मंत्री  कीर्तिवर्धन सिंह  ने  गोंडा में  ‘पर्यावरण एवं समृद्धि हेतु वानिकी’ विषय पर आधारित वृक्ष उत्पादक मेला को संबोधित  किया।  केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह  ने  कहा  कि  यह आयोजन केवल एक मेला नहीं है, बल्कि एक आंदोलन है, ऐसा आंदोलन जो हमें पर्यावरण संरक्षण, हरित विकास और समृद्धि की ओर अग्रसर कृषि – वानिकी (एग्रो-फॉरेस्ट्री) की राह दिखाता है। इस मेले का विषय “पर्यावरण एवं समृद्धि हेतु वानिकी (Agro-forestry for environment and prosperity)” अपने आप में इसका महत्व स्पष्ट करता है।

केंद्रीय मंत्री ने  कहा  कि   हम सभी जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन आज पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। वनों की कटाई, प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों का अति – दोहन हमारे भविष्य को संकट में डाल रहे हैं। ऐसे समय में कृषि – वानिकी यानी खेती के साथ वानिकी का महत्व और बढ़ जाता है।  उन्होंने कहा पेड़ केवल धरती की शोभा ही नहीं, बल्कि जीवन का आधार हैं। वे वायु को शुद्ध करते हैं, जलवायु संतुलित करते हैं, मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं,  जैव विविधता की रक्षा करते हैं और किसानों को अतिरिक्त आय के अवसर प्रदान करते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने  कहा  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने मिशन लाइफ (LIFE – Lifestyle for Environment), ग्रीन इंडिया मिशन और ग्रीन क्रेडिट पहल जैसी योजनाओं को आगे बढ़ाया है। इन पहलों का उद्देश्य केवल वृक्षारोपण ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को पर्यावरण संरक्षण की ओर प्रेरित करना है।  उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बीते वर्षों में हरित विकास और पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2023 बताती है कि देश का वन और वृक्षावरण लगातार बढ़ रहा है और अब यह कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 25.17 प्रतिशत हो गया है। इसमें उत्तर प्रदेश ने भी उल्लेखनीय योगदान दिया है।

केंद्रीय मंत्री ने  कहा   कि भारत सरकार ने किसानों की समस्याओं को समझते हुए पेड़ों की कटाई और परिवहन संबंधी मानकों को आसान बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा हमारी सरकार ने “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के माध्यम से पौधरोपण को जनआंदोलन का रूप दिया है। पिछले वर्ष ही 140 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए, जो आने वाले वर्षों में हमारी धरा को और हरा-भरा बनाएंगे।

केंद्रीय मंत्री ने  कहा    मैं आप सभी से आग्रह करना चाहूंगा कि हमारे वानिकी में सफल भाईयों से प्रेरणा लें और अपने खेतों में कम से कम कुछ पेड़ अवश्य लगाएं,  अपने बच्चों को खेत की मेड़ पर पेड़ लगाने की शिक्षा दें,  समाज में “एक परिवार दस वृक्ष” का संकल्प लें। यदि हम ऐसा करे, तो गोंडा ही नहीं, पूरा पूर्वी उत्तर प्रदेश हरियाली से भर जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने  कहा     गोंडा जिले की पहचान परिश्रमी किसानों, परंपराओं और सामाजिक समरसता के लिए है। आज का यह मेला केवल एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि एक प्रेरणा है- पूर्वी उत्तर प्रदेश में एग्रो-फॉरेस्ट्री (कृषि वानिकी) को बढ़ावा देने की। मुझे विश्वास है कि यहाँ से उठी यह पहल पूरे प्रदेश और देश में सकारात्मक बदलाव लाएगी।

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Author: Liveupweb

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