डकैती के मामले में छह साल से जेल में बंद आरोपी को मिली जमानत।
विद्वान अधिवक्ता सत्यदेव चौबे, ईशु तिवारी अभय दुबे ने कहा देर से सही मगर सत्य की हुई जीत।
वाराणसी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्रुतगामी प्रथम कुलदीप सिंह–II की अदालत ने सोमवार को डकैती के मामले में निरुद्ध आरोपी ऋषभ सिंह पुत्र नृपेन्द्र सिंह निवासी प्रज्ञानगर, सुंदरपुर को जमानत दे दी। आरोपी 4 सितंबर 2017 से जिला कारागार में बंद था।

मामले के अनुसार 13 अगस्त 2017 की रात वादी पावस मिश्र से अमराखैरा चक पावर हाउस के पास मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने मारपीट कर उनकी बुलेट मोटरसाइकिल, दो मोबाइल और लगभग तीन हजार रुपये लूट लिए थे। इस घटना में प्रवीण मिश्रा नामजद किया गया था जबकि अन्य अभियुक्त अज्ञात थे। विवेचना के बाद ऋषभ सिंह सहित चार अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हुआ था।
ऋषभ के अधिवक्ताओं ईशु तिवारी और सत्यदेव चौबे, अभय दुबे ने दलील दी कि वह एफआईआर में नामजद नहीं है, न ही उसके पास से कोई सामान बरामद हुआ है। घटना की रिपोर्ट विलंब से दर्ज की गई और अभियोजन इसकी वजह नहीं बता सका। साथ ही सहअभियुक्तों को पूर्व में ही जमानत मिल चुकी है।
अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध किया और अपराध को गंभीर बताया। मगर अदालत ने निरुद्धता की अवधि और मामले की परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी को राहत प्रदान की। अदालत ने एक-एक लाख रुपये की दो जमानतदारियों और समान धनराशि का निजी मुचलका दाखिल करने पर ऋषभ सिंह की रिहाई का आदेश दिया।
शर्त रखी गई है कि आरोपी किसी भी गवाह को धमकाएगा नहीं, न ही बिना अनुमति देश छोड़ेगा। आदेश की प्रति जेल अधीक्षक को भेज दी गई है और कहा गया है कि सात दिन के भीतर रिहाई न होने पर इसकी सूचना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को दी जाए।








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