July 14, 2025 12:41 am

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केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने पनियरा गांव में की गयी धान की सीधी बुआई का किया अवलोकन व किसानों से की संवाद

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने पनियरा गांव में की गयी धान की सीधी बुआई का किया अवलोकन व किसानों से की संवाद

25 वर्ष से खराब पड़े राजकीय नलकूप के शिकायत पर भड़के केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री,आईआईवीआर के डायरेक्टर को लगाया फटकार

चक रोड न बनने के कारण चिलचिलाती धूप में पैदल खेत में पहुंचे कृषि मंत्री

जानी खेती किसानी की समस्याएं,  प्रगतिशील किसानों को प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित

राजातालाब। आराजी लाइन विकासखंड क्षेत्र के पनियरा गांव में बुधवार को विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के अंतर्गत भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान की ओर से आयोजित एक किसान संवाद कार्यक्रम में बुधवार को देश के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान पनियरा गांव के किसान लल्लन दुबे के खेत में की गयी धान की सीधी बोआई तथा लोबिया के बीज उत्पादन परिक्षेत्र का निरीक्षण किया। चक रोड न बनने के कारण प्रदर्शन के खेत तक मंत्री जी की गाड़ी नहीं पहुंची जिससे मंत्री जी को निरीक्षण के लिए चिलचिलाती धूप में पैदल जाना पड़ा। मंत्री जी से किसान लल्लन दुबे ने बताया कि चकरोड का फील्ड बुक तैयार है लेकिन राजस्व विभाग तथा पुलिस विभाग के सामंजस्य न होने के कारण अभी तक चकरोड नहीं बन पा रहा है। इस दौरान एफपीओ एवं किसानों द्वारा प्रदर्शित किए गए उनके उत्पादों का अवलोकन किया। किसान संवाद के दौरान किसानों द्वारा गांव में विगत 25 वर्षों से राजकीय नलकूप के खराब होने की शिकायत मिलने पर भड़के कृषि मंत्री ने आईआईवीआर के निदेशक को फटकार लगाते हुए राज्य सरकार से वार्ता कर जल्द से जल्द बनवाने हेतु निर्देश दिया। कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने कृषि उत्पादों के लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया। डीएसआर धान के खेतों में पानी की बचत करने के साथ उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने में मददगार एक टिकाऊ वैज्ञानिक विधि है।किसान संवाद कार्यक्रम में कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक किसानों के कल्याण को ध्यान में रखकर शोध करें। उन्होंने कहा कि किसान वैज्ञानिकों की बात पर भरोसा करता है और वैज्ञानिक भी कड़ी मेहनत से शोध करके किसानों के लिए नई टेक्नोलॉजी विकसित कर रहे हैं।आवश्यकता इस बात की है कि इन तकनीकों को किसानों तक पहुंचाया जाए और अपनाने के लिए प्रेरित भी किया जाए। मंत्री ने ताप-सहनशील नई प्रजातियों के विकास के लिए भी वैज्ञानिकों से आग्रह किया। कार्यक्रम में मंत्री द्वारा 5 चयनित किसानों को सम्मानित किया गया एवं 10 किसानों को डिजिटल मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी प्रदान किया गया। यह डिजिटल पहल किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता की तत्काल जानकारी प्रदान करने में सहायक होगी।

आईआईवीआर कैंपस के ‘कृषि अपशिष्ट प्रबंधन इकाई’ में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने ‘एक पेड़ माँ के नाम चंदन का पौधा लगाया

आईआईवीआर कैंपस के ‘कृषि अपशिष्ट प्रबंधन इकाई’ में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के क्रम में चंदन के पौधे का वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर आईसीएआर के उप-महानिदेशक (हॉर्टिकल्चर) डॉ. संजय कुमार सिंह ने भी साथ में पेड़ लगाया। यह कार्यक्रम कृषि विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण के महत्व को दर्शाता है। प्रगतिशील किसानों एवं एफपीओ से संवाद कर कार्यक्रम में राज्यमंत्री ने देशव्यापी कृषि संकल्प अभियान में आईआईवीआर की भूमिका की जानकारी ली। निदेशक डॉ. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि आईआईवीआर की अगुवाई में केवीके एवं राज्य सरकार के कृषि विभाग के समन्वय से वैज्ञानिकों ने 6 जनपदों में 13 दिनों में 52,000 से अधिक किसानों से संवाद का क्रम पूर्ण कर लिया है जो अनवरत जारी है। निदेशक ने वैज्ञानिकों से प्राप्त किसानों की समस्याओं से भी मंत्री को अवगत कराया। मुख्य समस्याओं में नीलगाय से फसल नुकसान, जल संकट, कीट प्रबंधन, बाजार पहुंच की कमी और गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता शामिल है। मंत्री जी ने इन समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए। आइसीएआर के उप-महानिदेशक डॉ संजय कुमार सिंह ने संस्थान में आगमन के लिए मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान किसानों के हित में बेहतर कार्य किया है।इसी क्रम में 6 जनपदों के केवीके प्रभारियों के साथ आए प्रगतिशील किसानों ने इस अभियान के प्रति प्रसन्नता जाहिर करते हुए इसे किसानों को कृषि संबंधी जानकारी पहुंचाने की दिशा में और अधिक प्रभावशाली रूप से लागू करने का आग्रह किया। पद्मश्री चंद्रेशखर ने कहा कि यह अभियान वास्तव में ‘लैब टू लैंड’ की नीति को साकार करने में सफल हुआ है। कार्यक्रम में महिला किसानों की 36% सहभागिता पर मंत्री जी ने संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि किचन गार्डनिंग, मशरूम उत्पादन और मूल्य संवर्धन में महिलाओं की बढ़ती भूमिका कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।मंत्री ने कहा कि इस अभियान की सफलता के आधार पर इसे देश के अन्य राज्यों में भी विस्तारित किया जाएगा। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे किसानों की आय दोगुनी करने, जलवायु अनुकूल कृषि और टिकाऊ खेती की दिशा में निरंतर कार्य करते रहें। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री जी के ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम का संचालन नीरज सिंह ने किया। कार्यक्रम में संस्थान के विभिन्न विभागों के अध्यक्ष डॉ नागेन्द्र राय, डॉ अनंत बहादुर, डॉ ए एन सिंह, मीडिया सेल अध्यक्ष डॉ. डी पी सिंह, डॉ राकेश दुबे, सहित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

 

कृषि शोध के केंद्र में रहे किसान कल्याण
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर विकसित कृषि संकल्प अभियान में आईआईवीआर के कार्यक्रम में शामिल हुए

 

 

वाराणसी के पनियरा गांव में किसानों से किया संवाद, जानी खेती-किसानी की समस्याएं
वाराणसी, 11 जून 2025। विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के अंतर्गत भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान की ओर से ग्राम पनियरा, जनपद वाराणसी में आयोजित एक किसान संवाद कार्यक्रम में दिनांक 11 जून 2025 को देश के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री माननीय श्री रामनाथ ठाकुर जी ने भाग लिया और इस दौरान एफपीओ एवं किसानों द्वारा प्रदर्शित किए गए उनके उत्पादों का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में शामिल संस्थाओं में आईआईवीआर, धान अनुसंधान संस्थान (इर्रि), रिन्यू पावर आदि प्रमुख रहे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय बीज अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार, सम्मानित प्रगतिशील किसान पद्मश्री श्री चंद्रेशखर, ग्राम प्रधान, क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. नवीन सिंह और राज्य कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर जी ने इर्रि द्वारा ग्राम पनियरा, वाराणसी के किसान श्री लल्लन दुबे के खेत में डायरेक्ट सीडेड राइस (डीएसआर) विधि से लगाए गए धान के प्रक्षेत्र का अवलोकन किया और किसान से इसकी उपयोगिता के विषय में जानकारी प्राप्त की। डीएसआर धान के खेतों में पानी की बचत करने के साथ उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने में मददगार एक टिकाऊ वैज्ञानिक विधि है।
किसान संवाद कार्यक्रम में कृषि राज्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक किसानों के कल्याण को ध्यान में रखकर शोध करें। उन्होंने कहा कि किसान वैज्ञानिकों की बात पर भरोसा करता है और वैज्ञानिक भी कड़ी मेहनत से शोध करके किसानों के लिए नई टेक्नोलॉजी विकसित कर रहे हैं। आवश्यकता इस बात की है कि इन तकनीकों को किसानों तक पहुंचाया जाए और अपनाने के लिए प्रेरित भी किया जाए। श्री ठाकुर ने ताप-सहनशील नई प्रजातियों के विकास के लिए भी वैज्ञानिकों से आग्रह किया। कार्यक्रम में मंत्री जी द्वारा 5 चयनित किसानों को सम्मानित किया गया एवं 10 किसानों को डिजिटल मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी प्रदान किया गया। यह डिजिटल पहल किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता की तत्काल जानकारी प्रदान करने में सहायक होगी।

 


आईआईवीआर कैंपस के ‘कृषि अपशिष्ट प्रबंधन इकाई’ में श्री ठाकुर ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के क्रम में चंदन के पौधे का वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर आईसीएआर के उप-महानिदेशक (हॉर्टिकल्चर) डॉ. संजय कुमार सिंह ने भी साथ में पेड़ लगाया। यह कार्यक्रम कृषि विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण के महत्व को दर्शाता है। प्रगतिशील किसानों एवं एफपीओ से संवाद कर कार्यक्रम में राज्यमंत्री श्री ठाकुर ने देशव्यापी कृषि संकल्प अभियान में आईआईवीआर की भूमिका की जानकारी ली। निदेशक डॉ. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि आईआईवीआर की अगुवाई में केवीके एवं राज्य सरकार के कृषि विभाग के समन्वय से वैज्ञानिकों ने 6 जनपदों में 13 दिनों में 52,000 से अधिक किसानों से संवाद का क्रम पूर्ण कर लिया है जो अनवरत जारी है। निदेशक ने वैज्ञानिकों से प्राप्त किसानों की समस्याओं से भी माननीय मंत्री को अवगत कराया। मुख्य समस्याओं में नीलगाय से फसल नुकसान, जल संकट, कीट प्रबंधन, बाजार पहुंच की कमी और गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता शामिल है। मंत्री जी ने इन समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए। आइसीएआर के उप-महानिदेशक डॉ संजय कुमार सिंह ने संस्थान में आगमन के लिए मंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान किसानों के हित में बेहतर कार्य किया है.
इसी क्रम में 6 जनपदों के केवीके प्रभारियों के साथ आए प्रगतिशील किसानों ने इस अभियान के प्रति प्रसन्नता जाहिर करते हुए इसे किसानों को कृषि संबंधी जानकारी पहुंचाने की दिशा में और अधिक प्रभावशाली रूप से लागू करने का आग्रह किया। पद्मश्री श्री चंद्रेशखर ने कहा कि यह अभियान वास्तव में ‘लैब टू लैंड’ की नीति को साकार करने में सफल हुआ है। कार्यक्रम में महिला किसानों की 36% सहभागिता पर मंत्री जी ने संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि किचन गार्डनिंग, मशरूम उत्पादन और मूल्य संवर्धन में महिलाओं की बढ़ती भूमिका कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।
माननीय मंत्री ने कहा कि इस अभियान की सफलता के आधार पर इसे देश के अन्य राज्यों में भी विस्तारित किया जाएगा। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे किसानों की आय दोगुनी करने, जलवायु अनुकूल कृषि और टिकाऊ खेती की दिशा में निरंतर कार्य करते रहें। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री जी के ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम में संस्थान के विभिन्न विभागों के अध्यक्ष डॉ नागेन्द्र राय, डॉ अनंत बहादुर, डॉ ए एन सिंह, मीडिया सेल अध्यक्ष डॉ. डी पी सिंह, डॉ राकेश दुबे, सहित अधिकारीगण उपस्थित रहे. सञ्चालन डॉ नीरज सिंह ने किया.

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Author: Liveupweb

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