December 5, 2025 11:48 am

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अब्दुल्ला है वाराणसी में  छांगुर  गैंग का सरगना  युवतियों को  शेखो को भेजता है , अब्दुल्ला जांच एजेंसियों के निशाने पर भी है अब्दुल्ला राकेश न्यायिक   

अब्दुल्ला है वाराणसी में  छांगुर  गैंग का सरगना  युवतियों को  शेखो को भेजता है , अब्दुल्ला जांच एजेंसियों के निशाने पर

भी है अब्दुल्ला राकेश न्यायिक    वाराणसी में धार्मिक तालाब को पाठ कर कब्जा करने के मामले  आरोपी है और वाराणसी के प्रसिद्ध समाजसेवी लेखक साहित्यकार चिंतक राकेश न्यायिक ने लगाया था उन आरोपियों का कनेक्शन अब राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी नजर आने लगा है राकेश न्यायिक  ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि अब्दुल्ला खाड़ी देशों में खास कर दुबई जैसे शहर में कई मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट में फ्लैट भी लिया है जहां पर हिंदुस्तान से अपने एजेंट के माध्यम से युवतियों की भेजता है और फिर उन्हें धर्मांतरण कराकर उन्हें शेखो के हाथों बेच देता है उसे आए हुए अवैध कमाई को वह  छांगुर बाबा को भी देता था
काले कारनामे अंजाम देने के लिए बनी सीक्रेट टीम के तार जुड़े होने का आरोप

 

लखनऊ से 11 दिन पहले गिरफ्तार धर्मान्तरण माफिया छांगुर बाबा का चाराणसी से भी कनेक्शन है। यह आरोप राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजे गए शिकायती पत्र में लगाया गया है। पत्र में बाकायदा कुछ नाम-पता कर भी उल्लेख है। इतना ही नहीं इन कथित आरोपियों के तमाम पिछले कारनामों का भी जिक्र है। साफ कहा गया है कि अगर एनआईए, सीबीआई जैसी संस्थाएं इनकी ठीक से जांच करें तो मनी लॉन्डरिंग ही नहीं असलहा तस्करी और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का भी खुलासा हो सकता है। इन कारनामों की अंजाम देने वाली सीक्रेट टीम के तार वाराणसी से जुड़े होने की बात पत्र में कही गयी है।

 

बताते चलें कि छांगुर बाबा ने एटीएस की पूछताछ में स्वीकार किया था कि उसके गैंग ने यूपी महाराष्ट्र सहित 5 राज्यों में 1500 लोगों की सीक्रेट टीम बना रखी थी। इनके टारगेट पर 30 से कम उम्र की महिलाएं

इन राज्यों में छांगुर का नेटवर्क

एटीएस की सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत में  छांगुर का नेटवर्क यूपी के अलावा महाराष्ट्र, बिहार, चंगाल, बिहार, बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडू तक फैला हुआ है। यूपी में गैंग का सबसे ज्यादा फोकस नेपाल सीमा से सटे जिलों पीलीभीत, लखीमपुर श्रावस्ती, बहराइव, बलरामपुर सिद्धार्थनगर और महराजगंज पर है।
नौकरशाही में छांगुर की दखल अवैध धर्मातरम का मुख्य आरोपी छागूर कथा प्रकरण में शासन जल्दी ही बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। अब तक की एसटीएफ की गोपनीय जांच में बलरामपुर में वर्ष 2019 से 2024 के बीच तैनात रहे एक एडी गम, दो सीओ र एक इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इनमें एक एडीएम व इंस्पेक्टर के बारे में एसटीएफ को साइन भी मिले थे। उस समय कार्रवाई नहीं की नई थी। कई अन्य तथ्यों से जुड़े साक्ष्य मिलते ही इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दावा  किया जा रहा है कि इन चार अफसरों को चिन्हित किया जा चुका है। जल्दी ही दो तहसीलदार समेत कुछ और अफसरों की चिन्हित कर लिया जाएगा।

रहीं। यह धर्म परिवर्तन के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था। धर्मान्तरण के लिए उसने लव जिहाद को हथियार बना रखा था। इसके लिए मुस्लिम युवकों की टीम तैयार की थी। 2023 से अब तक इस टीम में 1000 से 1500 लड़कों को इस काम के लिए पेमेंट दी गई। आयोजनों को अनुरोध पत्र भेजने वाले

मॉडस ऑपरेंडाई भी समान

सोशल एक्टिविस्ट राकेश न्यायिक ने पत्र में कहा कि  छांगुर   गैंग और वाराणसी के उसके उसके एसोसिएट्स की मोडल ऑपरेडाई भी समान है। कहा-यहां जिस तरीके से महिलाओ की जमीन पर कब्जा किया गया ठीक उसी तरह चमूर ने भी किया। बताते चलें कि जांच अफसरों ने भी बताया है कि वर्ष 2023 में 12 नवम्बर को नीतू के नाम उतरौला में जमीन तहसील कर्मियों की मदद से खरीदी थी। खतौनी में इस जमीन को नीतू के नाम चंदवा भी दिया गया। बाद में पता चला कि वह जमीन तालाब के रूप में दर्ज है। इस पर उतरौला नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने एडीएम बलरामपुर को पत्र लिखा कि गाटा संख्या 2468 2468/2 की यह तालाब की जमीन है। अधिशासी अधिकारी ने डीएम  बलरामपुर को पत्र लिखकर भूमि तालाबी होने और

माफिया अतीक अहमद से रिश्तों का कुख्यात हो चुका है खुलासा

उसे पाटने से रोकने के लिए 24 जून 2022 को पत्र लिखा छ। एसटीएफ को मिले इन्सपेक्टर से रिश्ते के साक्ष्य

जांच में आया है कि एक इंस्पेक्टर छांगुर  लगातार सम्पर्क में रहता था। यह अवतार कोन करता था और  छांगुर  के कहने पर विरोधियों के खिलाफ कार्य  वाई कर देता था। इस बात का जिक्र भी एटीएस की एफआईआर में किया गया। एसटीएफ ने इस इंस्पेक्टर की कॉल भी रिकार्ड की की। वह ही बड़े सश्य के तौर पर सामने है। इसके अलाया जांच में बलरामपुर कोर्ट में शामिल एक क्लर्क की पत्नी की भूमिका भी खंगाली  जा रही है। एसटीएफ की जन में इनके खिलाफ भी साक्ष्य मिले थे।  आरोप है का किअब्दुल्ला  ने कुछ जमीन ऐसी खरीदी है जिसमें इन्होंने भी कुछ रकम लगाई है।
लेखक साहित्यकार  चिंतक  सामाजिक राकेश न्यायिक का कहना है कि इनमें स्थानीय लोग भी हो सकते हैं। पत्र में कहा गया है कि यह वही लोग हैं जिन्होंने हाल के दिनों में तमाम तालाच, कब्रिस्तान और मस्जिद की जमीनों पर कब्जा कर लिया। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देते हैं। भूमाफिया जैतपुरा निवासी अब्दुल्ला,

बरेका का टेंडर माफियाअसफाक अहमद डबलू, यासीन डिजाइनर और हामी असलम की भूमिका की  भी जांच करायी जानी चाहिए। कारण-इन सभी लोगों के अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी से संबंध रहे हैं। इनके प्रायः उन उन सभी राज्यों में दखल है जहां जहां छांगुर का नेटवर्क होने की चात सामने आगी है।

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Author: Liveupweb

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